हटाए गए आउटसोर्सिंग रोडवेज कर्मचारियों ने लगाई हाईकोर्ट में याचिका
पिछले दिनों हरियाणा में रोडवेज कर्मियों की हुई हड़ताल के च
जागरण संवाददाता, सिरसा: पिछले दिनों हरियाणा में रोडवेज कर्मियों की हुई हड़ताल के चलते आउटसोर्सिंग के तहत रोडवेज विभाग में नियुक्त किए गए और फिर नियुक्ति से हटाए गए करीब 50 कर्मचारियों ने अपनी नियुक्ति को लेकर पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
नियुक्ति से हटाए गए चालक व परिचालकों ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सुनील नेहरा के माध्यम से न्यायालय में सरकार के निर्णय को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। अधिवक्ता सुनील नेहरा के मुताबिक रोडवेज कर्मियों की हड़ताल के दौरान सिरसा जिले में करीब 200 से अधिक चालक व परिचालकों की सेवाएं रोडवेज में जीएम रोडवेज से इसी उम्मीद में दी थी कि उन्हें परिवहन विभाग में समायोजित किया जाएगा, मगर हड़ताल के समाप्त होते ही उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई और उन्हें बीती 4 नवंबर 2018 से ड्यूटी पर न आने के लिए कहा। अधिवक्ता के मुताबिक हरियाणा के परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार ने बीती तीन नवंबर को गोहाना में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि चालकों व परिचालकों के आधार पर जारी भर्ती प्रक्रिया में मौका दिया जाएगा मगर हड़ताल समाप्त होते ही चालकों व परिचालकों की किसी ने सुध नहीं ली।
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वहीं जब इस सिलसिले में हरियाणा रोडवेज सिरसा के महाप्रबंधक केआर कौशल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रोडवेज कर्मियों की हड़ताल के दौरान सरकार के आदेशों पर आउटसोर्सिंग के पार्ट नंबर एक के तहत डेली वेजिज पर चालक व परिचालकों को नियुक्ति दी गई थी मगर जब रोडवेज के स्थाई कर्मचारियों की वापसी हो गई तो सरकार के आदेशानुसार ही सर्विस प्रोवाइडर को इन चालक परिचालकों की सेवाएं हटाने को कहा गया था। उन्होंने बताया कि यदि वे न्यायालय की शरण जाते हैं तो वे तो बस इतना ही कहते हैं कि ये तो सरकार की पॉलिसी मैटर है और उन्होंने सरकार के आदेशों पर ही सर्विस प्रोवाइडर की मदद ली थी।