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पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए नोडल अधिकारी रखे निगरानी : उपायुक्त

उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर अंकु

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 05:44 AM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 05:44 AM (IST)
पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए नोडल अधिकारी रखे निगरानी : उपायुक्त
पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए नोडल अधिकारी रखे निगरानी : उपायुक्त

जागरण संवाददाता, सिरसा :

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उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश के लिए नोडल अधिकारी संबंधित क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखें। जहां कहीं भी फसल अवशेष जलाने की सूचना मिलती है, वहां पहुंचकर त्वरित कार्रवाई करें। किसानों को पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताएं और उन्हें पराली को जलाने की बजाए इसके उचित निपटान बारे जागरूक किया जाए। अधिकारी रेड व ऑरेंज जोन में विशेष रूप से फोकस रखें और वहां के किसानों को फसल अवशेष न जलाने के लिए प्रेरित करें। उपायुक्त प्रदीप कुमार सोमवार को कार्यालय कक्ष में अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कही। इस बैठक में एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल व सहायक कृषि अभियंता धर्मवीर यादव मौजूद रहे।

-----फसल अवशेष जलाने वालों पर हो सख्त कार्रवाई

उन्होंने कहा कि कहा कि संबंधित एसडीएम व नोडल अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखें तथा फसल अवशेष जलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग आपस में तालमेल बनाते हुए लोगों को पराली न जलाने बारे जागरूक करेंगे। यदि कोई व्यक्ति अपने पराली जलाने का दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ तुरंत जुर्माना लगाएं तथा नियमानुसार कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि रेड व ऑरेंज जोन में आने वाले गांवों पर कड़ी निगरानी रखें तथा जहां कहीं भी हरसेक या अन्य किसी माध्यम से पराली जलाने की सूचना मिलती है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से बढ़ता प्रदूषण बेहद चिता का विषय है और प्रदूषित व जहरीली हवा मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ पशुओं के लिए भी घातक है। इस हालात से निपटने के लिए हम सब को सामूहिक प्रयास करने होंगे

---पंचायतों को किया जाएगा सम्मानित

उन्होंने कहा कि जो पंचायतें इस बार जीरो बर्निंग यानि फानों में आग नहीं लगाने की दिशा में अच्छा कार्य करेगी, उन्हें सम्मानित किया जाएगा। प्रथम स्थान पर ग्राम पंचायत को 10 लाख, द्वितीय स्थान पर रहने वाली ग्राम पंचायत को 5 लाख तथा तीसरे स्थान वाली ग्राम पंचायत को 3 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा फसल अवशेषों का सही प्रबंधन करने के लिए कृषि यंत्रों पर भारी अनुदान भी दिया जाता है।


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