Move to Jagran APP

नासिक के प्याज ने स्टाकिस्ट को रूलाया, 26 रुपये हुआ थोक भाव

जागरण संवाददाता सिरसा प्याज के बढ़ते भाव पर न केवल रोक लगी है बल्कि रेट भी लुढ़क गए

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 11:08 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 06:13 AM (IST)
नासिक के प्याज ने स्टाकिस्ट को रूलाया, 26 रुपये हुआ थोक भाव
नासिक के प्याज ने स्टाकिस्ट को रूलाया, 26 रुपये हुआ थोक भाव

जागरण संवाददाता, सिरसा : प्याज के बढ़ते भाव पर न केवल रोक लगी है बल्कि रेट भी लुढ़क गए हैं। मंडी में प्याज की अधिक आवक के चलते रेट 26 से 29 रुपये अव्वल दर्जे की किस्म के हैं जबकि मंडी में प्याज 22 से 25 रुपये प्रति किलो आम मिल रहा है। थोक के ये भाव इसी सप्ताह गिरे हैं और इससे प्याज से जुड़े व्यापारियों को नुकसान हुआ है। व्यापारियों ने बढ़ते भावों को देखते हुए पहले अफगानिस्तान से सप्लाई हुए तुर्की के प्याज को महंगे रेट पर मंगा लिया। इस प्याज को पसंद नहीं किया गया क्योंकि खाने में तीखापन और बड़ा साइज होने के कारण यह प्याज स्थानीय मंडियों में नहीं बिक पाया। इसी बीच नासिक से प्याज की सप्लाई बढ़ गई जिसके चलते रेट टूटते गए लेकिन तुर्की से आया प्याज व्यापारियों को झटका दे गया। सिरसा की मंडी में 18 से 20 टन की लागत

loksabha election banner

सिरसा की मंडी में प्याज की प्रतिदिन की लागत 18 से 20 टन आंकी गई है। प्याज के प्रमुख व्यवसायी जगमोहन सिंह के अनुसार मंडी में इस समय प्याज नासिक से पहुंचा है लेकिन खपत पहले से घटी है। उन्होंने बताया कि सिरसा के व्यापारी सीधा नासिक से सप्लाई मंगवा रहे हैं जिसे पहुंचने में तीन से चार दिन का समय लगता है। मांग कम होने के कारण सप्लाई घटाई गई है। नासिक के दौरान ही सीकर का प्याज भी मध्य मार्च में पहुंच जाएगा। लंबे समय के लिए सीकर के प्याज की रहती है मांग

प्रिस ग्रोवर ने बताया कि मंडी में प्याज की आवक अधिक है। इस समय नासिक का प्याज चल रहा है लेकिन लंबे समय व मीठेपन की वजह से सीकर का प्याज अलग जगह बनाए हुए है। यह प्याज लंबे समय तक खराब नहीं होता और इसका स्वाद भी अच्छा माना जाता है। सीकर में बंपर पैदावार पर निर्भर करेंगे रेट

व्यापारी जगमोहन ने बताया कि सीकर में फसल कैसी रहती है इस पर भी रेट तय होगा। यदि बंपर पैदावार हुई तो रेट और गिरेंगे तथा सामान्य से कम हुई तो रेट बरकरार रहेंगे। उन्होंने बताया कि तुर्की का प्याज ट्रांसपोर्ट के कारण महंगा पड़ा। भारतीय प्याज 45 से 55 एमएम साइज में है और तुर्की प्याज का साइज 70 एमएम से ज्यादा का है। अप्रैल में आएगा सिरसा का प्याज

व्यापारियों के अनुसार सिरसा के आसपास भी प्याज की खेती है लेकिन यह मार्च के बाद ही मंडी में आती है। इस दौरान बाहर के प्याज की सप्लाई व्यापारी घटा देते हैं क्योंकि उन्हें स्थानीय प्याज को मंडी में खरीदना है और इससे किसानों को लाभ मिलता है। व्यापारी स्थानीय पैदावार को ध्यान में रखकर ही आर्डर करते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.