गिगोरानी माइनर टूटने से 100 एकड़ में सरसों व गेहूं की फसल को नुकसान
किसानों का आरोप डेढ़ साल पहले की गई थी नहर की रिमाडलिग पानी आते ही टूट जाती है
किसानों का आरोप: डेढ़ साल पहले की गई थी नहर की रिमाडलिग, पानी आते ही टूट जाती है नहर
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संवाद सहयोगी, नाथूसरी चौपटा : गिगोरानी माइनर गांव शक्कर मंदोरी, शाहपूरिया व चाहरवाला के बीच रविवार को टूट गई। माइनर टूटने से 100 एकड़ में गेहूं व सरसों की फसल में जलभराव होने से नुकसान हुआ है। माइनर टूटने की सूचना मिलने पर सिचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसके बाद माइनर को पीछे से बंद करवाया गया।
45 हजार बुर्जी के पास टूटी माइनर
गिगोरानी माइनर 45 के पास अचानक टूट गई। इससे गांव शक्करमंदोरी, शाहपुरिया व चाहरवाला के किसानों की सरसों व गेहूं की फसल में नुकसान हो गया। किसानों ने इसकी सूचना सिचाई विभाग को दी। सिचाई विभाग के अधिकारियों ने माइनर को पीछे से बंद करवा दिया। किसान हीरालाल, भजन लाल, गिरधारी लाल, जॉनी शर्मा, दीपक, अजय कुमार, कालूराम ने बताया कि अभी बिजाई की हुई सरसों व गेहूं की फसल में पानी भरने से फसल बर्बाद हो गई। उन्होंने बताया कि नहर को करीब 18 महीने पहले ही रिमॉडलिग करके नया बनाया गया था और मात्र डेढ़ साल में ही नहर टूट गई। शक्कर मंदोरी के पूर्व सरपंच दयाराम सहारण ने बताया कि जब भी नहर में पानी आता है। तो नहर टूट जाती है। इनका कहना है कि नहर को नया बनाया बनाया गया है जिसमें लगता है कि सही मैटेरियल नहीं लगाया गया। उन्होंने बताया कि नहर टूटने से उनकी फसल तो बर्बाद हो ही गई आगे गांवों में पानी नहीं गया, जिससे अगले गांवों में जिन किसानों की पानी की बारी थी उनकी फसल सूखी रह गई। किसानों ने नहर टूटने की सूचना सिचाई विभाग को दी।
छठी बार टूटी माइनर
गिगोरानी माइनर इस सीजन में छठी बार टूटी है जबकि नहर की रिमॉडलिग किए हुए करीब डेढ़ वर्ष हुआ है। बार-बार ने टूटने के मामले की किसानों ने जांच की मांग की है। इससे पहले पहली बार जब 19 जुलाई को जब नहर में पानी आया था तब पानी आते ही नहर टूट गई । इसके बाद लगातार पांच बार टूट गई। बार-बार रिमॉडलिग की गई नहर टूटने से अंदेशा जताया जाता है कि रिमॉडलिग के समय सही मटेरियल का प्रयोग नहीं किया गया।