पराली जलाने में 30 गांव संवेदनशील की श्रेणी में, एसडीएम करेंगे मॉनिट¨रग
जागरण संवाददाता, सिरसा: किसान पराली न जलाए इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं। सिर
जागरण संवाददाता, सिरसा:
किसान पराली न जलाए इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं। सिरसा के 30 गांवों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है जहां पिछले दो वर्षों से पराली जलाए जाने की सेटेलाइट रिपोर्ट केंद्र सरकार से सीधे जिला प्रशासन को मिली है। हरसेक द्वारा जारी इस रिपोर्ट के बाद मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस बार पराली जली तो स्थानीय अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।
जिले के 259 गांव धान के रकबे में हैं। इनमें से आधे गांव ऐसे हैं जहां पराली जलाए जाने के मामले में कभी न कभी सामने आए हैं लेकिन इस बार पराली जलाने से रोकने के लिए पहले ही प्रधानमंत्री कार्यालय में मॉनिट¨रग सेल है जहां प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रधान सचिव निगरानी कर रहे हैं। सेटेलाइट नक्शे के आधार पर सिरसा के 30 गांवों को संवेदनशील की श्रेणी में रख लिया गया है। यहां पिछले दो सालों से लगातार पराली जली है और इस बार पराली किसी भी हालात में न जले इसके लिए निर्देश जारी हो गए हैं। ग्राम सभाओं में पहुंचेंगे एसडीएम
उपायुक्त कार्यालय के अनुसार जिन गांवों के नाम सेटेलाइट में पराली जलाने वालों की सूची में आए हैं उन गांवों में ग्रामसभाओं की बैठक एसडीएम लेंगे। इसका मकसद ग्रामीणों को पराली न जलाने को लेकर जागरूक करना है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि कहीं भी पराली जली तो जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी और एसीआर में भी इंट्री दर्ज होगी। एसएमएस से मुख्य सचिव को भेजनी होगी जानकारी
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार पराली जलाए जाने के मामले को अब स्थानीय स्तर पर नहीं रखा जा सकेगा और सुबह ही संबंधित अधिकारियों को अपने मुख्यालय के अधिकारियों के अलावा मुख्य सचिव कार्यालय को भी सूचना देनी होगी। उपायुक्त की ओर से मुख्य सचिव को एसएमएस भी किया जाएगा जिसमें पराली जलाने व उस पर की गई कार्रवाई की जानकारी देनी होगी। चुनौती के तौर पर ले रहा है प्रशासन
इस बार पराली न जले इसको जिला प्रशासन चुनौती के रूप में ले रहा है। उपायुक्त की ओर से भूसा जलाए जाने पर दंडनीय कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम के अलावा स्थानीय स्तर पर भी एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी। जिला प्रशासन इस बार पराली नहीं जलाने देने का प्रयास कर रहा है। गांव में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है वहीं ग्राम सभाओं की बैठक में भी इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है। कृषि उपकरण में एसएमएस यंत्र लगाए जा रहे हैं जो पराली को तूड़ी की तरह बदल देंगे और इसे खेत में डाल दिया जाएगा जो खाद का काम करेगी। जिले के 30 गांव की सूची हरसेक की ओर से आई है जिसमें हर साल पराली जलती है। इन 30 गांवों में एसडीएम निगरानी करेंगे और ग्रामसभाओं की बैठक में भी एसडीएम या समकक्ष अधिकारी जाएंगे। पराली से न केवल प्रदूषण फैलता है बल्कि मित्र कीट भी मरते हैं, जमीन की उपजाऊ शक्ति भी घटती है इसलिए किसानों को जागरूक कर रहे हैं। मेरी किसानों से अपील है कि किसी भी रूप में भूसा न जलाएं। पराली जलाने की जानकारी सेटेलाइट से सीधे हरसेक को प्राप्त होती है। गांव स्तर पर कार्रवाई के लिए टीमें गठित करेंगे।
डा. प्रभजोत ¨सह
उपायुक्त सिरसा