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शार्ट कट के चक्कर में हाईवे पर लगा दिये अवैध कट

राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर नौ पर सफर करने वाले वाहन चालकों के लिए

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 11:59 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 06:17 AM (IST)
शार्ट कट के चक्कर में हाईवे पर लगा दिये अवैध कट
शार्ट कट के चक्कर में हाईवे पर लगा दिये अवैध कट

जागरण संवाददाता, सिरसा : राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर नौ पर सफर करने वाले वाहन चालकों के लिए जगह-जगह लगाए अवैध कट परेशानी का सबब बने हुए है। धुंध के मौसम में रात के समय अवैध कट और भी खतरनाक साबित हो सकते है। हाईवे के आसपास स्थित गांवों के लोगों ने अपनी सुविधा देखते हुए हाईवे पर अवैध कट लगा दिए है ताकि उन्हें अपने वाहनों को लाने ले जाने में लंबी दूरी तय न करनी पड़े और सीधा कट से ही वे हाईवे पर चढ़ जाएं। जिले में डाबर ढाणी से लेकर डबवाली की दूरी 85 किलोमीटर है। इस दूरी में दो दर्जन के करीब अवैध कट लगे थे। जिन्हें अब हाईवे अथारिटी बंद करवाने का दावा कर रही है। परंतु वास्तविक स्थिति यह भी है कि इन क्षेत्रों से रोजाना गुजरने वाले वाहन चालकों ने अपनी सुविधा के हिसाब से अवैध कट बनाए हुए है। इनमें आसपास के गांवों के ग्रामीणों के साथ साथ अनेक निजी वाहन चालक शामिल है, जो हाई वे पर लंबी दूरी तय करने की बजाय शार्ट कट लगाकर अपना और दूसरों का जीवन खतरे में डाल देते है। दिल्ली पुल से लेकर हाईवे तक रात के समय रहता है बेहद ट्रैफिक

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हिसार रोड पर दिल्ली पुल से लेकर मुख्य हाई वे तक जोड़ने वाली सड़क पर रात के समय यात्रा करना बेहद मुश्किल भरा रहता है। सिगल रोड होने के कारण वाहन चालकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। करीब एक किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर रात के समय रोशनी की भी व्यवस्था नहीं है। प्रशासन ने इस रोड को फोर लेन बनाने का प्रस्ताव बनाया हुआ है, जिसके बाद यहां से यात्रा करना राहत भरा रहेगा। बेसहारा पशु भी गंभीर समस्या

हाईवे पर घूमने वाले बेसहारा पशु भी वाहन चालकों के लिए गंभीर समस्या है। रात के समय सड़कों पर घूमने वाले ये पशु दिखाई नहीं देते। कई बार पशु सड़क के बीचोंबीच बैठे रहते है, जिस कारण वाहन अक्सर दुर्घटना के शिकार हो जाते है। :::::राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगे अवैध कटों को बंद करवाया जा रहा है। राजमार्ग पर 11 अवैध कट बंद करवा दिये गए है। एक कट गांव साहुवाला के पास है, उसे बंद करवाने के लिए भी ठेकेदार को कहा गया है।

कालू राम, इंजीनियर, एनएचएआइ


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