सरकार किसानों का नरमा सरकारी रेट, वादे अनुसार धान की पराली खरीदे
राष्ट्रीय किसान संगठन ने नरमा 5450 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर खर
संवाद सहयोगी, डबवाली : राष्ट्रीय किसान संगठन ने नरमा 5450 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर खरीदने, सरकार के वादे के अनुसार धान की पराली खरीदने, बासमती धान की खरीद एक नवंबर में शुरू करवाने और परमल धान की खरीद व्यवस्था सुचारू करने की मांग रखी है। संगठन के प्रवक्ता सुरेश बिश्नोई ने कहा कि सरकार किसानों को हर बार चुनाव के समय विभिन्न प्रकार के वादे करती है लेकिन नए नियम लागू करके सरकार बनते ही फिर से परेशान करना शुरू कर देती है। अब भले ही 20 रुपये की दवाई पर सब्सिडी देने के लिए किसानों के पक्ष में फैसला लिया हो लेकिन यह पूरा कारगर उपाय नहीं है। फिर भी किसान इसका स्वागत करते हैं कि किसान के लिए बात तो की गई। लेकिन सरकार की ओर से पिछली टर्म में किए गए धान की पराली खरीदने का वादा भी पूरा किया जाए। पराली प्रबंधन की आड़ में 80 फीसद सब्सिडी देकर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाए गए 10 करोड़ के कस्टम हायरिग सेंटर की खानापूर्ति करने वालों पर भी कार्रवाई की जाए।
एफआइआर के नाम पर डराना निदनीय
पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के आदेशों की संगठन ने निदा करते हुए प्रशासनिक लापरवाही, भेदभाव पूर्ण तानाशाही निर्णय करार दिया है। किसान संगठन ने कहा कि किसी भी किसान के खिलाफ एक्शन लिया गया तो संगठन प्रशासन के प्रति रोष जाहिर करेगा। किसानों ने कहा कि जब प्रशासन अपने नियमों पर पूरा नहीं उतर पा रहा है फिर सभी नियम किसानों पर क्यों थोपे जा रहे हैं। शहरों और ग्रामीण एरिया में फैक्ट्रियों का धुआं व मशीनरी का प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है जिस पर कोई कार्रवाई प्रशासन की ओर से नहीं है। कभी किसानों के रजिस्ट्री रोकी जाती है तो कभी किसानों को विभागीय और पुलिसिया कार्रवाई का डर दिखाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है। जबकि किसान की समस्या का निदान और प्रदूषण की समस्या को नियंत्रण में करना है तो धान की पराली का निदान सरकार को देना ही होगा।