पांच छह सालों से कर रहे थे कारोबार, महीना भर से गांव गांव में पहुंचा दी कीटनाशक दवाइयां
अवैध रुप से पेस्टीसाइड बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने में कृ
जागरण संवाददाता, सिरसा : अवैध रुप से पेस्टीसाइड बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ साथ पेस्टीसाइडस एसोसिएशन के पदाधिकारियों की भी अहम भूमिका रही। एसोसिएशन के प्रधान राधे गांधी की मानें तो नकली कीटनाशक बेचने वाला यह गिरोह क्षेत्र में पांच छह सालों से सक्रिय था परंतु पिछले एक महीने से नकली कीटनाशक बेचने वाले बहुत ज्यादा सक्रिय हो गए थे और जिला के गांव गांव तक नकली दवाइयां पहुंचा दी थी।
---आधे से भी कम दाम में देते थे ब्रांडिड कंपनियों की नकली दवाइयां
प्रधान ने बताया कि नकली कीटनाशक बेचने वाला गिरोह आधे से कम दामों में दवाइयां बेचते थे। मोटा मुनाफा कमाने के लालच में कीटनाशक विक्रेता दवाइयां ले लेते थे। उन्होंने बताया कि गिरोह को पकड़वाने के लिए उन्होंने ढाई लाख रुपये की दवाइयों के आर्डर दिये थे। उन्होंने बताया कि अगर इन दवाइयों को बेचा जाता तो सात लाख रुपये में बिकनी थी। --विजय की भूमिका को माना गया बड़ा यह भी जानकारी मिली है कि कीटनाशक बेचने के अवैध कारोबार गिरोह का सरगना बठिडा निवासी विजय है। नेटवर्किंग के माध्यम से वह कई सालों से संदिग्ध दवाइयां बेच रहा है। दिल्ली की इंदिरा मार्केट से यह कारोबार चलता है और आरोपित विजय बड़ा सप्लायर था। शुरूआती पूछताछ में पता चला है कि नकली कीटनाश्क रोहतक व बहादुरगढ़ में बनाई जाती है। यहां पर ही इसकी पेकिग होती है। इसके बाद गैंग से जुड़े लोग पेस्टीसाइड को सप्लाई के लिए हरियाणा, पंजाब व राजस्थान सहित अन्य राज्यों में भेज देते हैं।