डबवाली डिस्ट्रीब्यूटरी टूटने से 500 एकड़ रकबा में पानी भरा, 150 एकड़ में बिजांत गेहूं खराब
गांव जोगेवाला में जलघर के पीछे डबवाली डिस्ट्रीब्यूटरी में दरार आने
संवाद सहयोगी, डबवाली:
गांव जोगेवाला में जलघर के पीछे डबवाली डिस्ट्रीब्यूटरी में दरार आने से गांव जोगेवाला, डबवाली तथा मांगेआना की करीब 500 एकड़ जमीन में पानी भर गया। करीब 150 एकड़ रकबा में बिजांत गेहूं खराब हो गई। किसान प्रति एकड़ करीब 5000 रुपये का नुकसान हुआ है। उनका यह भी कहना है कि आगामी दो माह तक वे पुन: बिजांत नहीं कर सकते। किसान नुकसान के लिए प्रशासन को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं। आरोप है कि पटवारी, नहरी विभाग तथा उपायुक्त कार्यालय में बार-बार कॉल करने के बावजूद नहरी विभाग के अधिकारी शाम 3 बजे मौके पर पहुंचे। तब तक तीनों गांवों के खेत पानी से लबालब भर चुके थे। किसानों ने प्रशासन से नुकसान की भरपाई करने की मांग की है।
सुबह करीब 6.30 बजे गांव डबवाली का किसान जो¨गद्र ¨सह बिट्टू खेत में आया तो उसने डबवाली डिस्ट्रीब्यूटरी में दरार देखी। पानी तेजी से खेतों की ओर जा रहा था। सूचना पाकर मौका गांव जोगेवाला तथा मांगेआना के किसान आ गए। किसानों ने नहरी विभाग के अधिकारियों को कॉल की। करीब 9 बजे जेई चंद्रपाल मौका पर पहुंचे। वे यह कहकर वापस लौट गए कि 10 बजे दुकानें खुलेंगी, उसके बाद ही वह सामान उपलब्ध होगा, जिससे डिस्ट्रीब्यूटरी की दरार भरी जा सकेगी। वे पुन: वापस नहीं आए। इधर पानी उस भूमि में चला गया, यहां गेहूं बिजांत थीं। किसानों ने उपायुक्त कार्यालय में कॉल की तो तहसीलदार राजेंद्र प्रसाद वर्मा मौका पर पहुंचे। गाड़ी से उतरते ही उन्होंने किसानों से कहा कि दरार भरने का प्रयास करो। किसानों ने पलटते हुए जवाब दिया कि जब हम धान की पराली को आग लगाते हैं तो मिनट में चालान काटने आ जाते हो। कुछ दिन पहले जब चालान काटने आए थे तो नहर की खस्ता हालत की ओर ध्यान आकर्षित करवाया था। उस दौरान किसी ने सुधारीकरण का प्रयास नहीं किया, इसलिए आज दरार आ गई। इस दरार को हम नहीं भरेंगे, यह कार्य प्रशासन का है, प्रशासन करे। तहसीलदार करीब तीन से चार मिनट तक रुके। यह कहते हुए वापस चले गए की नहरी विभाग के अधिकारियों तक बात पहुंचा दी गई है। साढ़े 8 घंटे बाद पहुंची नहरी विभाग की टीम
ब्लॉक समिति डबवाली के उपचेयरमैन तथा किसान अमृतपाल, हमीर ¨सह, गुरादित्ता, गुरबचन ¨सह, जसमेल ¨सह, बल¨वद्र ¨सह ने बताया कि सूचना देने के साढ़े 8 घंटे बाद नहरी विभाग की टीम मौका पर पहुंची। शाम करीब 3 बजे नहर की दरार भरने का कार्य शुरु किया। किसानों के अनुसार महंगे बीज, डीएपी के साथ-साथ महंगा तेल प्रयोग करके गेहूं बिजांत की थी। लेकिन प्रशासनिक हीलाहवाली ने सबकुछ तबाह करके रख दिया। किसानों के अनुसार सोमवार शाम को ही नहर में पानी आया था।
सूचना मिलते ही मैं पानी बंद करवाने के लिए कालांवाली हैड पर चला गया था। जेई चंद्रपाल जेसीबी, प्लास्टिक बैग तथा अन्य सामान का प्रबंध करने लगा था। किसानों की कुछ लोगों के साथ निजी रंजिश है, इसलिए वह आरोप लगा रहे हैं। हम समय पर पहुंच गए थे। नहर में आई करीब 20 फीट की दीवार भरी जा रही है। हैड से 147 क्यूसिक पानी डिस्चार्ज होता है। डिस्ट्रीब्यूटरी में 50-55 क्यूसेक पानी चलता है। संभव है कि डिस्ट्रीब्यूटरी से निकल रहे एक खाल की वजह से दरार आई हो।
-एसडीओ लख¨वद्र ¨सह, नहरी विभाग