रिकार्ड में 15 फाइलें मिली संदिग्ध, एसडीएम ने चार कर्मियों पर एफआइआर के लिए लिखा पत्र
जागरण संवाददाता यमुनानगर गाड़ियों के फर्जी कागजात तैयार करने में जगाधरी ई-दिशा कें कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आ रही है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
गाड़ियों के फर्जी कागजात तैयार करने में जगाधरी ई-दिशा केंद्र के चार कर्मचारी शक के दायरे में हैं। इन कर्मचारियों की मिलीभगत से ही यह पूरा फर्जीवाड़ा हुआ। सिरसा सीआइए के यहां से रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेज जब्त किए जाने के बाद एसडीएम ने भी अपने स्तर से मामले की जांच कराई। इसके लिए दस सदस्यों की टीम गठित की गई है। गुरुवार को टीम ने पुराने रिकार्ड की जांच की। जिसमें से 15 फाइलें संदिग्ध मिली हैं। इन पर किसी भी कर्मचारी के साइन नहीं हैं।
वहीं, सुढल निवासी दीपक के नाम से एसडीएम कार्यालय से पांच गाड़ियों की आरसी जारी कर दी गई। इन सभी में दीपक का नाम लिखा हुआ था। इसका पता भी उस समय लगा, जब उनके पास 19 जनवरी को पंजाब पुलिस घर पर पूछताछ करने के लिए पहुंची थी। इस संबंध में भी उन्होंने एसपी कमलदीप गोयल को शिकायत दी है। जिसमें कंप्यूटर आपरेटर अमित कुमार पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा है। आरसी ब्लैक लिस्ट करने का दिया था आश्वासन
दीपक कुमार ने बताया कि उन्होंने जनवरी 2020 में शाहबाद से एक पुरानी कार खरीदी थी। यह गाड़ी अपने नाम करा ली। गाड़ी नाम कराने के 15-20 दिन बाद उनके घर के पते पर दो अलग-अलग गाड़ियों के नंबर की आरसी पहुंची। इनमें अपना नाम देखा तो हैरान रह गए। ई दिशा केंद्र में तैनात कंप्यूटर आपरेटर अमित कुमार के पास गए। इन आरसी के बारे में बात की, तो अमित ने दोनों आरसी ली और कहा कि यह मिस प्रिट हो गई होंगी। इन्हें ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। 19 जनवरी 2021 को घर पर पंजाब पुलिस पहुंची और एक अन्य गाड़ी की आरसी दिखाई। इसमें भी उनका नाम लिखा हुआ था। पूछताछ कर पंजाब पुलिस लौट गई। अगले दिन इस बारे में एसडीएम कार्यालय में शिकायत दी। अब एक और कार डीलर का काल आया कि उनके नाम की दो आरसी आफिस पर पड़ी है। दीपक का कहना है कि उनके पास केवल एक गाड़ी है, जबकि पांच आरसी उनके नाम से अलग-अलग गाड़ियों की जारी हुई है। यह ई दिशा केंद्र में तैनात कर्मियों की मिलीभगत से हुआ है। डाटा एंट्री आपरेटरों पर कराएंगे एफआइआर
एसडीएम दर्शन सिंह ने बताया कि सिरसा पुलिस यहां से करीब तीन हजार गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन से संबंधित रिकार्ड लेकर गई है। हमने भी अपने स्तर से यहां जांच कराई। वाहनों की खरीद व रजिस्ट्रेशन से संबंधित पुराना रिकार्ड खंगाला गया। जिसमें कुछ फाइलें ऐसी मिली हैं। जिन पर कर्मियों के हस्ताक्षर नहीं है। इसमें डाटा एंट्री आपरेटर अमित, कुनाल, शुभम व गगनदीप पर शक है। इसलिए उनके खिलाफ एफआइआर कराने के बारे में पुलिस को लिखा गया है। कंप्यूटर आपरेटर अमित लापता :
सिरसा सीआइए की टीम शनिवार को यहां पर रिकार्ड लेने के लिए पहुंची थी। उस दिन छुट्टी होने की वजह से रिकॉर्ड नहीं मिल सका था। इसके बाद से ही कंप्यूटर आपरेटर अमित गायब है। वह ड्यूटी पर नहीं आ रहा है। हालांकि अन्य कर्मी ड्यूटी पर आ रहे हैं, लेकिन इस प्रकरण में नाम आने के बाद से ही उनकी भी नींद उड़ी हुई है।