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फूड इंडस्ट्री लगे तो सिरसा में किसानों को मिलेगा लाभ

जागरण संवाददाता, सिरसा : जिले के किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर नए प्रयोगों की दिशा म

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jan 2018 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jan 2018 03:01 AM (IST)
फूड इंडस्ट्री लगे तो सिरसा में किसानों को मिलेगा लाभ
फूड इंडस्ट्री लगे तो सिरसा में किसानों को मिलेगा लाभ

जागरण संवाददाता, सिरसा : जिले के किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर नए प्रयोगों की दिशा में बढ़ रहे हैं। किसानों का रुझान बागवानी की तरफ काफी दिखाई दे रहा है। जिले में बागवानी की खेती बड़े पैमाने पर की जाने लगी है। सिरसा में करीब 9 हजार हेक्टेयर पर किन्नू, माल्टा और नींबू के बाग लगाऐ हुए हैं। अगर जिले में फूड इंडस्ट्री लगती है तो किसानों को काफी फायदा मिलेगा। इस बार केंद्रीय बजट में फूड इंडस्ट्री लगाने की घोषणा पर किसानों की उम्मीद टिकी हुई है।

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दक्षिण भारत में भेजा जाता है किन्नू, यहां है स्कोप

फूड इंडस्ट्रीज में सिरसा जिले के अंदर सबसे अधिक स्कोप है। यहां का किन्नू काफी प्रसिद्ध हो रहा है। सिरसा से बागवानी करने वाले किसानों से किन्नू खरीदकर दक्षिण भारत में व्यापारी बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। सिरसा से किन्नू दक्षिण भारत में कोलकाता, हैदराबाद व बंगलूरू भेजा जाता है। अगर सिरसा में इंडस्ट्री खोली जाती है तो इससे बागवानी करने वाले किसानों को काफी फायदा मिलेगा।

बागवानी के लिए किसानों को किया जाता है जागरूक

बागवानी फसलों के अंतर्गत क्षेत्र पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से उद्यान विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाता है। जिसमें किसानों को किन्नू मालटा, पॉली हाउस, मधुमक्खी पालन, अमरूद उत्पादन, सब्जियों टमाटर, मिर्च, मटर, आलू आदि की पैदावार को बढ़ाने के लिए जानकारी दी जाती है।

जिले में इंडो-इजरायली प्रोजेक्ट भी शुरू किया गया

गांव मांगेआना में वर्ष 2009-10 में 9 करोड़ 70 लाख रुपये की लागत से इंडो इजरायली प्रोजेक्ट आरंभ किया हुआ है। जिसमें भारतीय वातावरण एवं परिवेश में इजरायल की उच्च तकनीक से आम किन्नू, जैतून व अनार जैसे फलों के पौधों को विकसित किया जा रहा है। इस प्रणाली के विकास में जहां भारतीय उद्यान निदेशालय के फल विशेषज्ञ अपने अनुभवों का लाभ दे रहे हैं। वहीं इजरायल से भी समय-समय पर फल विशेषज्ञों का दल भारतीय अधिकारियों को इस कार्य में रचनात्मक सहयोग दे रहा है। मांगेआना नर्सरी की 50 एकड़ भूमि का सदुपयोग उपरोक्त फलों की विभिन्न प्रजातियों को विकसित करने में किया जा रहा है। इनमें जैतून, नींबूवर्गीय फल, आम, अनार के साथ-साथ ग्रीन हाउस व शेड नेट की प्रणाली को विकसित किया गया है। इसका प्रमुख उद्देश्य सिरसा जिला में अत्यधिक पैदावार देने वाली उपरोक्त फलों की किस्मों को फल उत्पादकों में वितरित कर उन्हें परम्परागत फसलों से दूर फलों के क्षेत्र में लाभ प्रदान करना है ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति और ज्यादा मजबूत हो।

जिले में बागवानी

फसल व बागवानी क्षेत्र

किन्नू 8 हजार हेक्टेयर

माल्टा व नींबू 1 हजार हेक्टेयर

सब्जियां 13 हजार हेक्टेयर

कॉटन 2 लाख 8 हजार हेक्टेयर

गेहूं 3 लाख हेक्टेयर

सरसों 50 हजार हेक्टेयर

धान 60 हजार हेक्टेयर

चना 4 हजार हेक्टेयर

जौ 7 हजार हेक्टेयर

1. सिरसा में फूड इंडस्ट्री खोली जाती है तो इससे किसानों को काफी फायदा मिलेगा। क्योंकि यहां पर इंडस्ट्री नहीं होने के कारण बागवानी करने वाले किसानों को दिल्ली या दूसरे स्थानों पर अपने फल बेचने पड़ रहे हैं। जिसमें यायायात पर काफी वाहन करना पड़ रहा है। यहां पर खुलने से बागवानी करने वाले किसानों को आर्थिक लाभ होगा।

विरेंद्र सहु, प्रगतिशील किसान

2. जिले में बागवानी का दायरा बढ़ रहा है। बागवानी करने वाले किसान अधिक मुनाफा काम रहे हैं। क्योंकि यहां पर बागवानी से अधिक उत्पादन ले रहे हैं। जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।

सतवीर शर्मा, जिला बागवानी अधिकारी

3. किसानों को बागवानी के लिए तो अनुदान दिया जा रहा है। अच्छी बात है मगर सवाल है किसान अपने फल बेचे कहां पर। इसके लिए समीप ही कोई फूड इंडस्ट्री होना बहुत जरूरी है। इससे जहां इंडस्ट्री लगने से रोजगार युवाओं को मिलेगा। वहीं किसानों को भी काफी लाभ होगा।

महेंद्र भाकर, किसान


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