सरसों की खरीद न करने पर किसानों ने मंडी के गेट बंद कर किया प्रदर्शन
कालांवाली में हैफेड द्वारा बुधवार को सरसों की खरीद न करने को
संवाद सहयोगी, कालांवाली:
कालांवाली में हैफेड द्वारा बुधवार को सरसों की खरीद न करने को लेकर किसानों ने मंडी के गेट बंद कर मार्केट कमेटी के समक्ष धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। लगभग दो घंटे चले इस प्रदर्शन के कारण वाहन चालकों को काफी दिक्कत पेश आई। मार्केट कमेटी के सचिव मेजर सिंह सिद्धू द्वारा हैफेड द्वारा सरसों की खरीद शुरू करने का आश्वासन देने पर किसानों ने धरना समाप्त किया।
किसान यूनियन के प्रधान गुरदास सिंह ने बताया कि बुधवार को गांव सुबाखेड़ा व तारूआना के किसान अपनी सरसों बेचने के लिए हैफेड की को-आप्रेटिव सोसाइटी पर आए थे। सोसाइटी के अधिकारियों ने यह कहते हुए सरसों खरीदने मना कर दिया कि उनका टारगेट पूरा हो गया। जिससे किसानों में रोष पैदा हो गया। उन्होंने बताया कि अभी तो सरसों व गेहूं का सीजन आरंभ हुआ है और एजेंसी ने सरसों खरीदने से मना कर दिया जो सरासर अन्याय है।
तारूआना के किसान अमनदीप सिंह, लाभ सिंह, कुलदीप सिंह, सुबाखेड़ा के किसान पुरुषोत्तम चंद, बीर दवेंद्र सिंह, चरण पाल सिंह, रामेश्वर सिंह आदि बताया कि उन्होंने अनाज बेचने के लिए सभी दस्तावेज तैयार कर रखे है और उसका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवा रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण आज किसानों को अपनी सरसों बेचने के लिए धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। सरकार की गलत नीतियों के कारण किसानों को अपनी फसल कम दामों पर बेचनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह एजेंसी के अधिकारी गेहूं में ज्यादा नमी बताकर खरीदने से मना कर रहे है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से 12 फीसद तक की नमी वाली गेहूं खरीदने के निर्देश दिए हुए है। जबकि अधिकारियों की ओर से इतनी नमी वाली गेहूं की भी खरीद नहीं की जा रही। सरसों की बिक्री को लेकर खरीद एजेंसी द्वारा गांव के अनुसार रोस्टर प्लॉन तैयार किया गया है। उसी के अनुसार किसानों को सरसों अनाज मंडी में लाने के लिए कहा जाता है और जब किसान सरसों लेकर मंडी में पहुंचते है तो एजेंसी के अधिकारी कोई न कोई बहाना बना कर फसल खरीदने से मना कर देते है। किसानों द्वारा प्रदर्शन करने के बाद फिर से खरीद शुरू कर दी जाती है। इस संबंध में हैफेड के मैनेजर राजेंद्र शर्मा ने कहा कि उनका सरसों खरीद का जो टारगेट था वह लगभग पूरा हो चुका है इस लिए उन्होंने सरसों की खरीद से मना किया था। अब उच्चाधिकारियों के निर्देश पर दोबारा से सरसों की खरीद शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि हैफेड द्वारा कालांवाली में 15 हजार व ओढां में 35 हजार क्विंटल सरसों की खरीद कर चुकी है। उन्होंने गेहूं का सीजन जोरों पर होने के चलते सरसों की ढेरियां करने के लिए जगह की भी दिक्कत पेश आ रही है उसका भी समाधान किया जा रहा है।