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नशे ने किए परिवार के हालात खराब, लेकिन अब दूसरों को दिखा रहे नशा मुक्ति की राह

- कुलदीप बलविद्र सिंह व मेंगा सिंह नशा छोड़ दूसरों को दे रहे नशा छोड़ने की प्रेरणा

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 07:45 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 07:45 AM (IST)
नशे ने किए परिवार के हालात खराब, लेकिन अब दूसरों को दिखा रहे नशा मुक्ति की राह
नशे ने किए परिवार के हालात खराब, लेकिन अब दूसरों को दिखा रहे नशा मुक्ति की राह

- कुलदीप, बलविद्र सिंह व मेंगा सिंह नशा छोड़ दूसरों को दे रहे नशा छोड़ने की प्रेरणा जागरण संवाददाता, सिरसा। मन में दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो किसी भी बुराई या आदत को छोड़ा जा सकता है। चाहे फिर वह नशा की लत भी क्यूं न हो। एक बार नशे को न कहने के बाद तीन युवकों ने फिर कभी उसे छूआ तक नहीं। ये कहानी कुलदीप, बलविद्र सिंह व मेंगा सिंह की है, जो कभी नशे के दलदल में फंस कर गलत राह चुन गए थे। लेकिन बाद में खुद को बदल कर अब नशा छुड़वाने की राह पर चल पड़े है। केस नंबर -1

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काम छूटा तो आया होश

नशे की दलदल से निकले कुलदीप सिंह ने कहा कि गलत संगत से नशे की लत आ गयी। नशे के कारण मेरा काम भी छूट गया, जिसके कारण परिवार के आर्थिक हालात खराब हो गए। घर में कलह रहने लगा और परिवार में रोजाना झगड़ा होता था। ये सब देखकर अंदर से बिल्कुल टूट गया और प्रण लिया कि नशा की दलदल से बाहर निकलना है। इसी दृढ़ इच्छा के साथ कालांवाली के नशा मुक्ति केंद्र में गया। कुछ दिन वहां पर इलाज चला और नशे की लत से बाहर आ गया। सुखी जीवन के लिए नशे से दूर रहना होगा, बस यही मूल मंत्र है। केस नंबर दो -

दुकान बंद हो गई तब छोड़ा नशा बलविन्द्र सिंह ने बताया कि वह सैलून चलाता था। नशे की लत लग गई, जिसके कारण दुकान पर कम नशे की तरफ ज्यादा ध्यान रहने लगा। धीरे-धीरे नशे की लत में मैं पूरी तरह से फंस गया, जिसके कारण दुकान बंद हो गई। दुकान बंद होने से मेरे आर्थिक हालात खराब हो गए। नशा मेरे लिए आदत बन गया। नशा खरीदने के लिए परिवार वालों को परेशान करने लगा, जिसके कारण मेरा परिवार दुखी रहने लगा। मेरा नशा छुड़वाने के लिए परिवार ने मुझे नशा मुक्ति केंद्र कालांवाली भेजा। तब तक परिवार को होने वाली पीड़ा समझ चुका था। नशा मुक्ति केंद्र में मेरा इलाज चला और नशा छोड़ दिया। नशा छोड़ने के बाद दोबारा सैलून चलाना शुरू किया। आज मेरा परिवार खुश हैं। केस नंबर- तीन

15 साल इसी दलदल में रहा हूं मेंगा सिंह ने बताया कि वे पिछले 15 सालों से नशे की लत से परेशान था। जीवन की खुश हाल गाड़ी में नशा हमेशा ही रुकावट रहा है। देर सवेरे परिणाम बुरे ही आएंगे, इसलिए यह अच्छा नहीं बल्कि परिवार को बर्बाद करने वाला है। जब जागो तभी सवेरा है।

नशे को खत्म करने के लिए साझे प्रयास जरूरी: उपायुक्त

उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने बताया कि प्रशासन की ओर से जिला को नशा मुक्त करने की दिशा में सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिला में तीन नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं। इनमें एक कालांवाली तथा दो सिरसा शहर में चल रहे हैं। इन नशा मुक्ति केंद्रों में नशा प्रभावित व्यक्तियों की कांउसलिग करने के साथ-साथ उनका इलाज भी किया जाता है। यदि कोई नशा से ग्रस्त है, तो वह इन नशा मुक्ति केंद्रों में आकर अपना इलाज करवा सकता है।


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