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सुबह हुई बूंदाबांदी, स्मॉग से मिली राहत, किसानों की बढ़ी परेशानी

सुबह जिले में हल्की बूंदाबांदी होने से स्मॉग की समस्या खत्म हो गई। श्

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 11:52 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 06:14 AM (IST)
सुबह हुई बूंदाबांदी, स्मॉग से मिली राहत, किसानों की बढ़ी परेशानी
सुबह हुई बूंदाबांदी, स्मॉग से मिली राहत, किसानों की बढ़ी परेशानी

जागरण संवाददाता, सिरसा : सुबह जिले में हल्की बूंदाबांदी होने से स्मॉग की समस्या खत्म हो गई। शनिवार को बूंदाबांदी के बाद तापमान में गिरावट होने से मौसम भी ठंडा हुआ है। दूसरी तरफ बूंदाबांदी होने से किसानों की समस्या और अधिक बढ़ चुकी है। खेतों में धान की कटाई और गेहूं की बिजाई का कार्य चल रहा है। बूंदाबांदी होने से धान की कटाई में भी दिक्कत आ रही है।

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शनिवार सुबह सात बजे ही आसमान में बादल छा गए और तेज गर्जना के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई। जबकि कुछ समय पश्चात धूप भी निकल आई। बूंदाबांदी होने से खेत में ताजा बिजी गई गेहूं को नुकसान होने की उम्मीद है जबकि खराब मौसम के कारण बिजाई का कार्य एक बार रूक गया। ऐसे में धान की कटाई और मशीनें भी बंद हो गई। तेज हवा चलने से किसानों के चेहरों पर भी डर दिखाई दिया। हालांकि अभी 40 से 50 फीसद धान खेतों में ही खड़ा है। स्मॉग हुआ खत्म, लोगों ने ली राहत की सांस

बीते पांच दिनों से स्मॉग के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बूंदाबांदी के साथ स्मॉग की समस्या पूरी तरह से खत्म हो गई। स्मॉग कम होते ही लोगों ने राहत की सांस ली। बीते पांच दिनों से स्माग की समस्या के कारण दमा, आंखों और हार्ट के मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। अब स्मॉग की समस्या खत्म होने से लोगों की समस्या भी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। बूंदाबांदी से सरसों की फसल को होगा लाभ संवाद सहयोगी, रानियां : सुबह बूंदाबांदी से सड़कों पर कीचड़ का साम्राज्य स्थापित हो गया। बूंदाबांदी के बाद से मौसम में भी पहले की अपेक्षा अधिक ठंडक हो गई है। बूंदाबांदी से शहर के मेन बाजार, नकोड़ा बाजार, बीडीपीओ कार्यालय रोड, जीवननगर मार्ग, सिरसा मार्ग की सड़कों पर जगह जगह पानी जमा हो गया। सरसों और अगेती गेहूं की फसल को फायदा

बूंदाबांदी से सरसों की व अगेती बिजाई की गई गेहूं की फसल को लाभ होगा। अगेती बिजाई की गई कनक का उगाव अब और अच्छे तरीके से होगा। वहीं सरसों की फसल पर इस बरसात को फायदा होगा और उसमें फुटाव अधिक होगा।


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