कैंसर पीड़ित बेटियों के लिए भगवान बने डॉक्टर, सरकारी एंबुलेंस से बीकानेर पहुंचाया
दो कैंसर पीड़ित बच्चियों को इलाज के लिए बीकानेर जाना था। निजी एंबुलेंस नहीं मिली तो डॉक्टरों ने उन्हें सरकार एंबुलेंस से भेजा।
जेएनएन, डबवाली (सिरसा)। डॉक्टर्स को यूं ही भगवान नहीं कहा जाता इसके पीछे खास वजह होती है। लॉकडाउन में दो दिन पूर्व रात को दो कैंसर पीडि़त बेटियां वजह बनीं। दोनों पीडि़ता डबवाली के गांव मसीतां और शहर की कबीर बस्ती की रहने वाली हैं। ब्लड कैंसर से जूझ रही मासूमों को इलाज की सख्त जरूरत थी। कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज टांटिया ने बीकानेर आने के लिए कहा तो हरियाणा के सिरसा, पंजाब के बठिंडा तो वहीं राजस्थान के हनुमानगढ़ में कार्यरत निजी एंबुलेंस ने जाने से मना कर दिया।
ऐसे में सीएमओ सिरसा डॉ. एसके नैन और एसएमओ डबवाली डॉ. एमके भादू भगवान बने। सरकारी एंबुलेंस उपलब्ध करवाकर दोनों को डबवाली से बीकानेर भेजा। रात को करीब 10 बजे डबवाली के उपमंडल नागरिक अस्पताल से एंबुलेंस रवाना हुई। सुबह करीब 4 बजे बीकानेर पहुंची। सोमवार सुबह करीब 8 बजे चिकित्सक ने उपचार शुरू किया। करीब 6 घंटे तक उपचार के बाद एंबुलेंस दोनों को लेकर बीकानेर से वापस डबवाली की ओर चल पड़ी।
भूखे रहकर फर्ज निभाया
एंबुलेंस चालक संदीप सांगवान तथा ईएमटी नवदीप कुमार ने खुद भूखे रहकर फर्ज निभाया। दरअसल, रात को बीकानेर रवाना होते समय टिफिन साथ रख लिया था। मौसम बहुत ज्यादा खराब था, इसलिए वे चलते गए। मासूम बच्चियों की हालत देखी नहीं गई। सुबह 4 बजे पहुंचकर अस्पताल में सारा काम करवाया। वापस आते समय करीब 24 घंटे बाद रोटी खाई।
संस्था अपने स्तर पर करवा रही इलाज
डबवाली के एसएमओ डॉ. एमके भादू का कहना है कि लड़कियों का उपचार संस्था अपने स्तर पर करवा रही है। एंबुलेंस न मिलने का मामला संस्था ने उठाया था। सीएमओ सिरसा के आदेशों की पालना करते हुए एंबुलेंस उपलब्ध करवाई गई।
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