कृषि में जिला अग्रणी, पर विभाग में अधिकारियों का टोटा
सिरसा जिला कृषि में प्रदेश के अग्रणी जिलों में से है। यहां गेहूं
जागरण संवाददाता, सिरसा : सिरसा जिला कृषि में प्रदेश के अग्रणी जिलों में से है। यहां गेहूं, कपास की बंपर फसल होती है जबकि सरसों, चना जैसी फसलों भी खूब होती है। कृषि प्रधान इस जिले के कृषि विभाग में अधिकारियों का टोटा है, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। किसानों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए कई चक्कर लगाने पड़ते हैं तो कई बार योजनाओं से वंचित भी रह जाते है। सिरसा जिला में कृषि विभाग महत्वपूर्ण विभागों में से है। विभाग में 43 एडीओ की आवश्यकता है परंतु ड्यूटीरत मात्र 10 ही है। इसके साथ ही सिरसा व डबवाली एसडीओ कार्यालय में क्लर्क है ही नहीं। दोनों ही कार्यालयों के अंतर्गत करीब 40-40 गांव आते है, जिनमें हजारों की संख्या में किसान रहते है। ऐसे में किसानों से जुड़ी योजनाओं का क्रियान्वित करने में विभागीय अधिकारियों के पसीने छूट जाते है। जिला के किसान भी खूब जागरूक है। केंद्र व राज्य सरकार की कृषि से जुड़ी योजनाओं का लाभ लेने के साथ साथ वे कृषि से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर अक्सर कृषि विभाग में आते है। परंतु विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों के टोटे का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किसानों के हितों के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई है। उनमें फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना, नेशनल फूड सेफ्टी मिशन, प्रमोशन ऑफ कॉटन कल्टीवेशन इत्यादि शामिल है। इन योजनाओं को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने के लिए विभाग को खासी मशक्कत करनी पड़ती है। टिड्डी दल नई सिरदर्दी
पाकिस्तान से लगते राजस्थान क्षेत्र में टिड्डी दल की दस्तक के बाद सिरसा में टिड्डी दल के आने की संभावना है। टिड्डी दल फसलों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में कृषि विभाग के अधिकारियों के लिए नई सिरदर्दी पैदा हो गई है। विभाग में पहले ही अधिकारियों का टोटा और ऊपर से नई समस्या आ जाने के बाद विभागीय अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है। विभाग के पास अधिकारियों की कमी है। जिला में एडीओ की 43 पोस्ट मंजूर है परंतु 10 ही ड्यूटीरत है। उन्हीं से काम चलाया जा रहा है। सिरसा व डबवाली एसडीओ कार्यालय में कोई क्लर्क ही नहीं है। इस वजह से काम और ज्यादा बढ़ गया है। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को जिला में किसानों तक पहुंचाने के लिए विभागीय अधिकारी पूरी मशक्कत से लगे रहते हैं।
- डा. बाबू लाल, कृषि उपनिदेशक