देवोत्थान एकादशी आज, बजेगी शहनाई, सिरसा में 250 से अधिक शादियां
फोटो 11 - कोरोना के चलते गायब हुई शादी की रौनकें रात के बजाय अब दिन के समय में ही
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- कोरोना के चलते गायब हुई शादी की रौनकें, रात के बजाय अब दिन के समय में ही कार्यक्रम
जागरण संवाददाता, सिरसा : विवाह शादी के लिए देवोत्थान एकादशी यानि देवउठनी ग्यारस को अबूझ मुहूर्त माना जाता है। बुधवार को देवउठनी एकादशी है। जिले में विभिन्न मैरिज पैलेस, धर्मशालाओं में 250 के करीब शादियां हैं। विवाह शादियों पर भी कोरोना संक्रमण का साया साफ दिखाई दे रहा है। इस बार अधिकतर विवाह समारोह रात के बजाय दिन के हैं। विवाह शादियों में अब पहले जैसा धूम धड़ाका दिखाई नहीं देता। बड़े रथ पर सवार दूल्हा, बैंड बाजे की जगह बारात घोड़ी पर आ रही है और बैंड बाजा बजाने वाले भी सीमित संख्या में हैं। बरातियों की तादाद भी 50 तक ही सिमट चुकी है। अब विवाह समारोह में परिवार व नजदीकी रिश्तेदारों को ही बुलाया जा रहा है।
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कार्रवाई के साथ संक्रमण का भी भय, मास्क लगाए नजर आते हैं वेटर, कैटरिग वर्कर
नवंबर में जिले में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में अब विवाह शादियों का आयोजन करने वालों के मन में साफ डर देखा जा रहा है कि कहीं कोई कार्रवाई ही न हो जाए। समारोह में आने वाले लोग भी मास्क पहनकर आ रहे हैं। पार्टी समारोह के दौरान भोजन व अन्य खाद्य सामग्री परोसने वाले वेटरों से लेकर कर्मचारी तक सभी मास्क पहने नजर आए।
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शादी पर अन्य खर्च कम, गहनों की बढ़ी बिक्री
डबवाली रोड स्थित निजी होटल में शादी समारोह है। 100 लोगों को आमंत्रित किया गया है। अब आयोजक परेशान हैं कि कहीं कोई कार्रवाई न हो जाए। इसलिए नजदीकी रिश्तेदारों को समय से ही आने के लिए कह रहे हैं। शादी की चकाचौंध पर लगने वाला खर्च टल जाने से शादी पहले की अपेक्षा कम खर्चीली हो गई हैं हालांकि अब वह राशि लड़की वाले अपनी लड़की को आभूषण देकर तो लड़के वाले पुत्रवधू अथवा अपनी बेटी-दामाद को विवाह का उपहार दे रहे हैं। स्वर्णकार कस्तूर सोनी का कहना है कि शादी समारोहों के चलते गहनों की बिक्री बढ़ी है। लोग शादियों पर ज्यादा खर्च के बजाय गहने व कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं।