बेसहारा पशु बन रहे हैं परेशानी का सबब
रोड़ी व नजदीकी गांवों में किसान वर्ग व आम लोगों को बेसहारा पशुओं
संवाद सहयोगी, रोड़ी : रोड़ी व नजदीकी गांवों में किसान वर्ग व आम लोगों को बेसहारा पशुओं के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। भूख व प्यास के कारण यह बेसहारा पशु कई बार हिसक हो जाते हैं। आपस में लड़ाई करते हुए किसी भी राहगीर या गाड़ी चालक को अपना शिकार बना लेते हैं व घायल कर देते हैं। कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन पिछले कई वर्ष से यह सिलसिला लगातार चल रहा है। हर वर्ष बेसहारा पशुओं में बढ़ोतरी होती जा रही है। ज्यादातर पंजाब क्षेत्र से लोग गोवंश को ट्रैक्टर ट्रालियों में भर कर रात के समय गांवों के नजदीक रजवाहा या नहर किनारे उतार कर चले जाते हैं।
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बेसहारा पशु किसानों के खेतों में फसलों को उजाड़ देते हैं। गांव और शहरों में जब गाय दूध देने के योग्य नही रहती तो उनको बेसहारा छोड़ दिया जाता है। संकर नस्ल के बछड़े भी आजकल खेती के लिए उपयोग नहीं हो रहे हैं उनको भी छोड़ दिया जाता है। क्षेत्र में कोई भी गोशाला रजिस्टर न होने की वजह से हालात खराब है। इस कारण भी बेसहारा पशुओं की समस्या बढ़ती जा रही है। बेजुबानों के लिए पीने का पानी तक नहीं उपलब्ध होता, इसीलिए यह अक्सर गंदे पानी में मुंह मारते रहते हैं। हैरानी की बात यह है कि बेसहारा पशुओं के झुंड गलियों और बाजारों में भटकते दिखाई देते हैं। अकेले कस्बा रोड़ी में सैकड़ों की तादाद में बेसहारा पशु बाबा गोंसपुरी रोड, सुरतिया रोड, मत्तड़ चौक व हर चौक में देखे जा सकते हैं। किसानों और ग्रामीण वर्ग के लोगों का कहना है कि बेसहारा पशुओं की समस्या हल करने के लिये धरने प्रदर्शन में करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।