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रेट बढ़ाने से कालांवाली सर्कल के ठेके लेने में रुचि नहीं दिखा रहे ठेकेदार

इस बार एक्साइज विभाग द्वारा कालांवाली शहर के शराब ठेकों का रे

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 11:13 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 06:35 AM (IST)
रेट बढ़ाने से कालांवाली सर्कल के ठेके लेने में रुचि नहीं दिखा रहे ठेकेदार
रेट बढ़ाने से कालांवाली सर्कल के ठेके लेने में रुचि नहीं दिखा रहे ठेकेदार

संवाद सहयोगी, कालांवाली :

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इस बार एक्साइज विभाग द्वारा कालांवाली शहर के शराब ठेकों का रेट ज्यादा बढ़ाने से किसी भी शराब कारोबारी ने कालांवाली सर्कल के ठेकों के टेंडर नहीं लगाए। इस कारण एक माह से शराब के ठेके बंद पड़े हैं। इसी कारण शहर में अवैध शराब की बिक्री भी हो रही है।

पुराने ठेकेदार को घाटा होने के चलते वह अपना सामान उठाकर चला गया इसके बाद से शराब ठेके बंद पड़े हैं। हालांकि इस बार विभाग द्वारा ठेके के सरकारी रेटों में कटौती की है लेकिन इसके बावजूद किसी भी कारोबारी ने टेंडर भरने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।

बताया जाता है कि गत वर्ष शहर के शराब ठेके सात करोड़ 23 लाख में छूटे थे। ये रेट ज्यादा होने के चलते ठेकेदार को नुकसान झेलना पड़ा। इसके चलते इस बार किसी भी शराब कारोबारी ने कालांवाली सर्कल के ठेके लेने के लिए टेंडर नहीं भरे। हालांकि विभाग ने इस बार 6 करोड़ 66 लाख रुपये सरकार रेट तय किया था परंतु इसके बाद भी किसी ने टेंडर नहीं भरा। रेट ज्यादा होने के चलते लगभग 10 बार टेंडर स्थगित हो चुके हैं।

इस संबंध में शराब कारोबारियों ने बताया कि कालांवाली क्षेत्र में शराब की अवैध बिक्री बड़े स्तर पर होती है ऐसे में जहां ठेकेदार को नुकसान झेलना पड़ता है वहीं सरकार को भी चूना लगता है। उन्होंने बताया कि शहर में जगह-जगह शराब की अवैध बिक्री हो रही है परंतु पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। उन्होंने कहा कि वे शराब के ठेके लेने के लिए करोड़ों रुपये का निवेश करते है और सरकार को टैक्स भी जमा करवाते है लेकिन इसके बावजूद उन्हें नुकसान झेलना पड़ता है। अगर इस पर अंकुश लग जाए तो शराब कारोबारियों को कुछ लाभ हो सकता है।

कालांवाली सर्कल के शराब के ठेकों के टेंडर न होने के चलते कालांवाली शहर के साथ-साथ गदराना, तारूआना, तिलोकेवाला, दादू, पक्का शहीदां, कमाल, खतरावां, सुखचैन, डोगरांवाली, गांव कालांवाली शामिल है। टेंडर न होने के चलते इन गांवों में एक माह से शराब के ठेके बंद पड़े हैं।


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