हौजरी और बायोटेक के सिरसा में बन सकते हैं कलस्टर
सिरसा में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन ने तीन नए विकल्प को एमएसएमइ योजना में शामिल क
सिरसा में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन ने तीन नए विकल्प को एमएसएमइ योजना में शामिल करने का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। प्रशासन यहां बायोटेक योजना के तहत कृषि आधारित उद्योग की संभावनाएं प्रबल मान रहा है तो दूसरे नंबर पर दड़बी का उदाहरण देकर हौजरी कलस्टर की बड़ी योजना तैयार की गई है। तीसरे नंबर पर अंबाला की तर्ज पर मेडिकल साइंस से जुड़े उद्योग को बढ़ावा देने के विकल्प को भी कलस्टर सूची में शामिल किया गया है। प्रशासन की इस योजना पर डिप्टी सीएम उद्योग विभाग के अधिकारियों व उद्योग से जुड़े लोगों से मंगलवार को चर्चा करेंगे। हौजरी से बड़े स्तर पर रोजगार की जताई संभावनाएं
उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सोमवार को कलस्टर में नए विकल्प तलाश करने पर चर्चा हुई। उपायुक्त ने कहा कि हौजरी रोजगार का एक बड़ा साधन बन सकता है। हौजरी का छोटा कलस्टर दड़बी रहा है। अच्छे परिणाम रहे हैं, इसे बड़े स्तर पर लागू किया जा सकता है। उपायुक्त ने बताया कि बाहर से एक व्यक्ति या फर्म कच्चा माल लाए और फिर संबंधित गांव या कलस्टर में कुशल कारीगरों को बांटे और तैयार माल या उत्पाद उसी फर्म के पास पहुंच जाए और कारीगर को उसकी मेहनत मिले। लुधियाना से हौजरी का कच्चा माल लाया जा सकता है और तैयार उत्पाद वापस भिजवाया जा सकता है। हौजरी में मार्केटिग की समस्या कम आएगी। एक ऐसा वातावरण तैयार होगा कि व्यापारी सीधा कलस्टर में आना शुरू हो जाएगा। इससे हजारों परिवारों को रोजगार दिया जा सकता है। कृषि आधारित उद्योग पर भी चर्चा
अधिकारियों ने दूसरी बड़ी चर्चा कृषि आधारित उद्योग की है। यहां कई ऐसे उत्पाद हैं जो स्थानीय स्तर पर आसानी से तैयार किए जा सकते हैं। बड़े स्तर पर तैयार होंगे तो मार्केटिग की समस्या नहीं रहेगी। पांच से दस गांव का एक कलस्टर बन जाए जहां कृषि या बागवानी आधारित इकाइयां उत्पाद बनाना शुरू करें। जब कई गांवों में एक साथ उत्पाद बनेगा तो मार्केटिग की समस्या का हल व्यापारी जाने के साथ ही हो जाएगा। बैठक में कृषि से जुड़े कई उत्पादों पर चर्चा भी हुई है जिन्हें डिप्टी सीएम के सामने रखा जाएगा। जिला प्रशासन ने मेडिकल, बायोटेक के तहत कृषि आधारित उद्योग व हौजरी तीन नए विकल्प को कलस्टर योजना में शामिल करने की रूपरेखा बनाई है। उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इन पर चर्चा हुई है। उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की सिरसा में हुई बैठक में कलस्टर योजना तैयार करने के निर्देश दिए थे जिसके बाद यह योजना तैयार की है।
गुरप्रताप सिंह, उप निदेशक, उद्योग विभाग