बिश्नोई समाज ने मनाया बलिदान दिवस, किया पौधरोपण
बिश्नोई समाज ने बुधवार का दिन बलिदान दिवस के रूप में मनाया व खेजड़ली म
संवाद सहयोगी, डबवाली :
बिश्नोई समाज ने बुधवार का दिन बलिदान दिवस के रूप में मनाया व खेजड़ली में वर्षों पूर्व पेड़ों को बचाते हुए जान कुर्बान करने वाले बिश्नोई समाज के 363 लोगों को श्रद्धांजलि दी। बिश्नोई सभा के प्रधान कृष्ण लाल जादूदा के नेतृत्व में बिश्नोई धर्मशाला के प्रवेश द्वार के पास पौधारोपण किया। उनके साथ सभा सदस्य अजय नंबरदार, सचिव इंद्रजीत बिश्नोई, सुभाष धायल, बलराम जाखड़, डा. द¨वद्र सिद्धु, नोबिसन बिश्नोई भी मौजूद थे।
कृष्ण जादूदा ने कहा कि आज पूरा विश्व दिन प्रतिदिन प्रदूषित होते पर्यावरण को लेकर ¨चतित है। सरकारें अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए अभियान चला रही हैं। वहीं, पर्यावरण संरक्षण के लिए गुरु जंभेश्वर भगवान ने करीब 550 साल पहले पेड़ों को नहीं काटने का संदेश दिया था। उनके द्वारा प्रणित 29 नियमों में नियम संख्या 20 रुंख लीलो नहीं घावे में अनुयायियों को हरे वृक्ष नहीं काटने, वन्य प्राणियों व प्रकृति की रक्षा का संदेश दिया गया है। इसी नियम पर चलते हुए करीब 300 वर्ष पहले राजस्थान के गांव खेजड़ली में पेड़ों को कटने से बचाने के लिए अमृता देवी बिश्नोई सहित बिश्नोई समाज के 363 लोगों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी और एक भी पेड़ नहीं काटने दिया था। आज भी बिश्नोई समाज के लोग पर्यावरण सरक्षण को लेकर न पेड़ों को काटते हैं और न ही काटने देते हैं।