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पीने के पानी के स्त्रोतों के पास कपड़े धोने व पशु नहलाने पर पाबंदी

जागरण संवाददाता सिरसा जिलाधीश अनीश यादव ने बताया कि जिला में हैजा जैसी बीमारी की रोकथाम

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 07:41 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 07:41 AM (IST)
पीने के पानी के स्त्रोतों के पास कपड़े धोने व पशु नहलाने पर पाबंदी
पीने के पानी के स्त्रोतों के पास कपड़े धोने व पशु नहलाने पर पाबंदी

जागरण संवाददाता, सिरसा : जिलाधीश अनीश यादव ने बताया कि जिला में हैजा जैसी बीमारी की रोकथाम के लिए प्रशासन द्वारा कड़े कदम उठाए गए हैं। महामारी अधिनियम 1897 के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेशों के अनुसार जिलावासियों के लिए आवश्यक हिदायतों भी जारी की गई है।

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जिलाधीश की ओर से जारी आदेशों के अनुसार गले सड़े हुए फलों व सब्जियों, कटे हुए फलों, कटे हुए तरबूज, कटी हुई सब्जियां आदि की बिक्री पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा आइस कैंडीज, आइस क्रीम, बर्फ के गोले, मिनरल पानी या अन्य जल से बने प्रोडक्ट जोकि पब्लिक एनालिस्ट हरियाणा चंडीगढ़, स्टेट बैक्टीरियोलाजिस्ट करनाल, प्रोफेसर माइक्रो बायोलाजी विभाग मेडिकल कालेज रोहतक, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी वाटर लैब सामान्य अस्पताल सिरसा द्वारा जो मानव उपभोग के लिए प्रमाणित नहीं है, की बिक्री पर रोक लगाई गई है। आदेशों के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का खुले में रखा जूस, केक, मिठाइयां, बिस्कुट और अन्य प्रकार की खाद्य सामग्री भी नहीं बेच सकता। इसके अलावा उक्त प्रकार की खाद्य सामग्री के निरीक्षण एवं जरूरत पड़ने पर उसे नष्ट करने के लिए जिले के सभी कार्यकारी मजिस्ट्रटों, सभी जिला कार्यक्रम अधिकारी, सभी सीएचसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के सभी चिकित्सा अधिकारी, नगर परिषदों व नगरपालिकाओं के सचिव, कार्यकारी अधिकारी, फूड इंस्पेक्टर, सभी मल्टीपर्पज हेल्थ सुपरवाइजर आदि को अधिकृत किया गया है।

इसके अतिरिक्त, जिला में पीने के पानी के कुओं व अन्य स्त्रोतों के आसपास कपड़े धोने, पशुओं को नहलाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। उल्टी-दस्त के मरीज सार्वजनिक यातायात, वाहनों एवं बस इत्यादि में यात्रा न करें। इसके अलावा बिना अनुमति के जिला में किसी प्रकार का मेला आयोजित नहीं किया जा सकेगा। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सा अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की जानकारी में अगर हैजा संबंधी मामला आता है तो वे 24 घंटे के अंदर-अंदर मामले की जानकारी सिविल सर्जन को दें। ये आदेश 31 दिसंबर 2021 तक प्रभावी रहेंगे।


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