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धरनास्थल पर पहुंचे कृषि अधिकारी, बोले जल्द दिलवाएंगे बीमा क्लेम

लघु सचिवालय में अखिल भारतीय स्वामीनाथन संघर्ष समिति के बैनर के नीचे

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 05:42 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2019 05:42 PM (IST)
धरनास्थल पर पहुंचे कृषि अधिकारी, बोले जल्द दिलवाएंगे बीमा क्लेम
धरनास्थल पर पहुंचे कृषि अधिकारी, बोले जल्द दिलवाएंगे बीमा क्लेम

जागरण संवाददाता, सिरसा : लघु सचिवालय में अखिल भारतीय स्वामीनाथन संघर्ष समिति के बैनर के नीचे किसानों द्वारा दिया जा रहा धरना शुक्रवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया। शुक्रवार को सरकार की तरफ से कृषि विभाग के अधिकारी सुखदेव कंबोज धरनास्थल पर पहुंचे और किसानों से बातचीत की। सुखदेव कंबोज ने किसानों को बताया कि 2017 का सारा बीमा क्लेम रिलीज कर दिया गया है और 2018 का बीमा क्लेम 20 दिनों में जारी करवाने की सरकार कोशिश कर रही है। इस पर किसान नेताओं ने आए हुए अधिकारियों का धन्यवाद किया। बीमा क्लेम तो इस आंदोलन की छह मांगों में से एक है। जब तक किसानों की जायज मांगें पूरी नहीं हो जाती धरना जारी रहेगा। इस अवसर पर किसान नेता विकल पचार, मदन सांगवान, जसपाल चोयल, साहबराम नुहियांवाली, ओम जसानिया, रामकुमार, विकास, सतपाल, धनपत, छोटॅराम, हरी ¨सह, मनीराम, जगतपाल, आत्माराम, राज बैनीवाल, इंद्र कस्वां ने किसानों को संबोधित किया। धरने पर रामपुरा बिश्नोइयां, बनवाला, बचेर, रत्ताखेड़ा, रूपावास, ¨डग, चाहरवाला आदि गांवों के किसानों ने भाग लिया। 30वें दिन में पहुंचा किसान संघ का धरना

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लघु सचिवालय में ही भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसानों द्वारा दिया जा रहा धरना 30वें दिन में प्रवेश कर गया। जनवरी महीने की ठंड व बरसात के बावजूद किसान अपनी मांगों को लेकर अनिश्चतकालीन धरने पर बैठे है। शुक्रवार को 30वें दिन पीरखेड़ा गांव के ग्रामीण धरने में शामिल हुए। इस अवसर पर भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष मदन कटारिया, रण ¨सह सिहाग, रणवीर ¨सह, वेद प्रकाश, पालाराम, रमेश, राजाराम, सुभाष, दलीप, महावीर, गिरधारी लाल, हवा ¨सह, राजेंद्र, ओमप्रकाश, महेंद्र, रामस्वरूप व अन्य किसान उपस्थित थे।

धरनारत किसानों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष मदन लाल कटारिया ने कहा कि जीवाईएल परियोजना लागू कराने और किसानों की मुख्य मांगों के समर्थन में पिछले 30 दिनों से किसान संघर्षरत हैं। सरकार की किसान विरोधी नीतियों से किसानों की हालत दयनीय हो रही है। किसानों की मांगों को लेकर सरकार जरा भी गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान नदियों का राष्ट्रीयकरण करवाए जाने और इसके उपरांत हरियाणा के लिए यमुना नदी पर छोटे-बड़े बांध, जिसमें हथिनीकुंड बैराज की जगह भी बांध बनाने और मारकंडा के माध्यम से घग्घर को जोड़े जाने की मांग को लेकर धरनारत है। आंदोलनरत किसानों ने मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है।


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