जिले के 8892 किसानों ने धान नहीं लगाने का लिया फैसला
जागरण संवाददाता सिरसा जल संरक्षण के लिए किसान आगे आने लगे हैं। किसान धान की फसल न ल
जागरण संवाददाता, सिरसा
जल संरक्षण के लिए किसान आगे आने लगे हैं। किसान धान की फसल न लगाकर दूसरी फसल बिजाई करने का फैसला ले रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मेरा पानी-मेरी विरासत योजना किसानों को भा रही है। किसान इस मुहिम में लगातार जुड़ते हुए न केवल योजना का समर्थन कर रहे हैं बल्कि भूजल को बचाने का संकल्प ले रहे हैं। जिले में अब तक 8892 किसानों ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए धान की जगह दूसरी फसल लगाने का रजिस्ट्रेशन करवाया है।
30820 एकड़ में दूसरी फसल बिजाई का लिया फैसला
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने बताया कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत अब तक जिला में 8892 किसानों ने पार्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया है। जिससे 30820 एकड़ में भूमि में अन्य फसलों की बुआई करने की ठानी है। कृषि विभाग द्वारा ऐसे किसानों की टीम बनाकर वेरीफिकेशन की जा रही है। उन्होंने बताया कि खंड सिरसा में 3700 किसानों ने, रानियां में 1108, ऐलनाबाद में 591, नाथूसरी चौपटा में 513, बड़ागुढ़ा में 1356, ओढां में 510 तथा खंड डबवाली में 1114 किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया है। अब ये किसान कपास, बाजरा, मक्का, दालें व सब्जी, बागवानी जैसी फसलों की बिजाई कर रहे हैं। इस योजना के तहत किसानों को सरकार द्वारा 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
योजना अच्छी है
गांव हांडीखेड़ा के किसान नेकीराम सिहाग ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मेरा पानी-मेरी विरासत योजना बहुत ही प्रभावी है। इससे भूजल में सुधार के साथ-साथ किसान फसल सुधारीकरण करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से हम न केवल अपनी भूमि को बचा सकते हैं बल्कि जल बचाओ मुहिम में भी आहुति डाल पुण्य भी कमा सकते हैं। किसान रामजी लाल, बलबीर, राम सिंह, पृथ्वी सिंह ने बताया कि हमें जल का महत्व और भूमि की उपजाऊ शक्ति बनी रहे, इसके लिए गंभीरता से सोचना होगा।
कृषि विभाग द्वारा किसानों को मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें गांवों में जाकर किसानों को इस मुहिम में जुड़ने के लिए प्रेरित कर रही है। जिले में 8892 किसानों ने धान की जगह दूसरी फसल बिजाई करने का फैसला लिया है।
डा. बाबूलाल, उपनिदेशक, कृषि विभाग