दिनभर हुई बूंदाबांदी से 7 डिग्री गिरा अधिकतम तापमान, फसलों को लाभ
मौसम में बदलाव के साथ ही बृहस्पतिवार को दिनभर हल्की बूंदाबांदी शु
जागरण संवाददाता, सिरसा : मौसम में बदलाव के साथ ही बृहस्पतिवार को दिनभर हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई। बूंदाबांदी के कारण अधिकतम तापमान 23 डिग्री से लुढ़कर 16 डिग्री के पास पहुंच गया। जबकि न्यूनतम तापमान 14 डिग्री से 13 डिग्री तक पहुंच गए। अधिकतम तापमान एक दिन में 7 डिग्री गिरने के कारण ठंड भी बढ़ना शुरू हो गई। दूसरी तरफ बूंदाबांदी से किसानों के चेहरे भी खिलने शुरू हो गए। किसानों की खेत में खड़ी गेहूं, सरसों, चना और हरे चारे की फसल को सबसे अधिक लाभ मिला है।
बृहस्पतिवार सुबह 9 बजे से ही बूंदाबांदी होना शुरू हो गई। बूंदाबांदी से वातावरण में हल्की धुंध छाई हुई दिखाई दी। ठंड बढ़ने के कारण लोग गर्म कपड़े और अलाव का सहारा लेते हुए भी नजर आए। बादलों के छाने के कारण दिनभर सूर्यदेव भी दिखाई नहीं दिए। बूंदाबांदी से बचाव के लिए लोग भी छाते और अन्य कपड़ों का सहारा लेते हुए नजर आए। इसके कारण लोगों का कीचड़ और ठंड के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा।
बरसात से पछेती बिजाई हुई और अधिक लेट बूंदाबांदी से सरसों की फसल को काफी फायदा होगा। बूंदाबांदी के कारण धान के क्षेत्र में जहां अभी गेहूं की बिजाई होनी बाकी है वहां पर बिजाई को कुछ और समय लगेगा। वहीं जहां पर गेहूं उग चुकी है उसे बूंदाबांदी से काफी फायदा होगा। बरसात के बाद से तापमान भी एकदम से गिर गया है और ठंडक बढ़ गई है। बूंदाबांदी के कारण शहर की सड़कों पर जगह जगह कीचड़ जमा हो गया है। बूंदाबांदी से सरसों व समय पर बिजाई की गई गेहूं की फसल को बहुत फायदा होगा। मगर दो तीन पहले बिजाई की गई गेहूं की फसल को नुकसान की संभावना है और जहां पर अभी तक पछेती बिजाई नहीं की गई है वहां बिजाई लेट होगी। किसान अब पछेती किस्म जैसे 1124 जैसी किस्मों की ही बिजाई करें तथा बिजाई से पहले बीज उपचारित अवश्य करें। किसान अगर पछेती किस्मों की बिजाई नहीं करेंगे तो पैदावार कम हो सकती है।
भागीरथ दुसाद, खंड कृषि अधिकारी, रानियां बच्चों का रखे विशेष ध्यान : एसएमओ सहारण
वातावरण में ठंडक बढ़ने के कारण अभिभावक छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखें। ठंड के कारण बच्चों को खांसी, जुकाम व निमोनिया होने की संभावना बढ़ जाती है। किसी प्रकार की कोई दिक्कत आने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चों की जांच करवाएं
नरेश सहारण, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रानियां