रामा क्लब में जलेगा 65 फीट ऊंचा रावण तो विष्णु क्लब में सामाजिक बुराइयों के भी पुतले जलाए जाएंगे
15 अक्टूबर को विजयदशमी यानि दशहरा पर्व है। शहर में दो जगह दशहरा महोत्सव आयोजित किया जाता है। रामा क्लब चेरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा 72वां तो विष्णु क्लब के द्वारा 12वां दशहरा महोत्सव आयोजित होगा। रामा क्लब द्वारा आटो मार्केट स्थित दशहरा ग्राउंड में जबकि विष्णु क्लब के द्वारा सिरसा बाइपास पर सीडीएलयू के गेट के आगे दशहरा ग्राउंड में कार्यक्रम होगा। 15 अक्टूबर को पांच बजकर 55 मिनट पर रावण कुंभकर्ण के पुतलों को अग्निभेंट किया जाएगा। दोनों ही रामलीला क्लबों के द्वारा 65 से 60 फीट ऊंचाई के पुतले तैयार किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, सिरसा : 15 अक्टूबर को विजयदशमी यानि दशहरा पर्व है। शहर में दो जगह दशहरा महोत्सव आयोजित किया जाता है। रामा क्लब चेरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा 72वां तो विष्णु क्लब के द्वारा 12वां दशहरा महोत्सव आयोजित होगा। रामा क्लब द्वारा आटो मार्केट स्थित दशहरा ग्राउंड में जबकि विष्णु क्लब के द्वारा सिरसा बाइपास पर सीडीएलयू के गेट के आगे दशहरा ग्राउंड में कार्यक्रम होगा। 15 अक्टूबर को पांच बजकर 55 मिनट पर रावण, कुंभकर्ण के पुतलों को अग्निभेंट किया जाएगा। दोनों ही रामलीला क्लबों के द्वारा 65 से 60 फीट ऊंचाई के पुतले तैयार किए गए हैं।
रामा क्लब के महासचिव गुलशन गाबा ने बताया कि इस बार रावण का श्रृंगार देखने लायक होगा। रावण का मुकुट, मुंह, गर्दन, आंखें इत्यादि अलग-अलग जलेगी। पिछले सालों की अपेक्षा इस बार ज्यादा देरी तक आतिशबाजी चलेगी। उन्होंने बताया कि 15 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे रामा क्लब के रामलीला ग्राउंड से शोभायात्रा शुरू होगी। शोभायात्रा में भगवान राम, लक्ष्मण के साथ हनुमान व वानर सेना रहेगी। दूसरी तरफ रावण व उनकी सेना शामिल होगी। दशहरा ग्राउंड में दोनों पक्षों में युद्ध होगा, उसके बाद मुख्यातिथि के द्वारा रावण, कुंभकर्ण के पुतलों को अग्निभेंट किया जाएगा।
उधर, विष्णु क्लब के प्रधान अजय ऐलाबादी ने बताया कि दशहरा पर्व पर रावण व कुंभकर्ण के अलावा आतंकवाद का, बुराई का भी पुतला जलाया जाएगा। शोभायात्रा में नशा मुक्ति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पर्यावरण संरक्षण जैसी जागरूकता का संदेश देनी वाली झांकियां भी शामिल होगी। -------------- पांच पीढि़यों से पुतले बनाने का काम कर रहा है डबवाली निवासी रमेश रामा क्लब के मंच पर डबवाली निवासी रमेश रावण, कुंभकर्ण के पुतले तैयार कर रहा है। वह अपने बेटे के साथ दो महीने पहले यहां आया था। विशालकाय पुतलों को अलग अलग हिस्सों में तैयार किया गया है। मुकुट, मुंह, धड़, पैर सभी अलग अलग हैं बाद में उन्हें दशहरा ग्राउंड में ले जाकर पुतले के रूप में खड़ा किया जाएगा। रमेश ने बताया कि पुतले बनाना उनका पुश्तैनी धंधा है। पांच पीढि़यां इस काम में लगी है। हरियाणा, पंजाब व राजस्थान के आसपास के क्षेत्र में उन्हीं के परिवार के सदस्य पुतले बनाते हैं।