जागरण संवाददाता, सिरसा :
एनएचएम कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर एनएचएम कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल बृहस्पतिवार को 24वें दिन स्थगित कर दी गई। हड़ताल समाप्त होते ही जिले के 400 हड़ताली कर्मचारी ड्यूटी पर लौट आए और नागरिक अस्पताल सहित जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में स्वास्थ्य सेवाएं फिर से बहाल हो गई।
नियमित किए जाने व अन्य मांगों को लेकर एनएचएम कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल के 24वें दिन यूनियन की प्रदेश इकाई के निर्देश पर कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित करने का एलान किया। एनएचएम कर्मचारी संघ के जिला प्रधान कुंदन गावड़िया ने बताया कि 5 फरवरी से एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर चल रहे थे। उन्होंने बताया कि देश में उत्पन्न हुए हाई अलर्ट व देशहित में अपनी हड़ताल स्थगित करते हुए जिले के सभी एनएचएम कर्मचारियों ने दोपहर से पहले सामूहिक रूप से ड्यूटी ज्वाइन कर ली। :::::हड़ताल पर चल रहे सभी 400 एनएचएम कर्मचारी ड्यूटी पर आ गए हैं। सभी ने अपना काम संभाल लिया है। ठेकेदार के तहत डेलीवेज पर रखे गए 34 कर्मचारियों को हटा दिया गया है।
- डा. वीरेश भूषण, डिप्टी सीएमओ
महापंचायत के बाद किसानों ने स्थगित किया धरना, बोले देशहित में लिया फैसला
- किसान बोले विधानसभा चुनाव में उतारेंगे अपना प्रत्याशी
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जागरण संवाददाता, सिरसा :
लघु सचिवालय में अखिल भारतीय स्वामी नाथन संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे किसानों के धरने में बृहस्पतिवार को महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न गांवों से सैकड़ों किसानों ने भाग लिया। महापंचायत में किसानों ने आगे की रणनीति पर विचार किया साथ ही देश की सीमा पर नाजुक हालात को देखते हुए एक बार धरना स्थगित करने का निर्णय लिया।
किसानों को संबोधित करते हुए समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकल पचार ने कहा कि अपनी सात मांगों को लेकर किसानों ने 21 जनवरी से धरना शुरू किया था। धरने के दौरान किसानों की चार मांगों को पूरी करवाने काम किया। पूरी हुई मांगों में 2017-18 का फसल बीमा मिलना। सरसों की खरीद के लिए मंडियों की संख्या बढ़ाना। चने और मूंगफली की सरकारी खरीद शामिल है। गेहूं के बोनस पर अभी सहमति नहीं बनी है। यदि सरकार ने जल्द बोनस की घोषणा ना की तो किसान आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी का बहिष्कार करेंगे।
इस मौके पर जगदीश रूपावास ने कहा कि किसानों ने अपने हर संघर्ष को जीता है लेकिन इस बार देश की सीमा पर पैदा हुए तनाव को देखते हुए धरना स्थगित किया गया है। किसान महापंचायत में फैसला लिया गया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में किसान अपने प्रतिनिधि को चुनाव में उतारेंगे और विधानसभा में भेजने का काम करेंगे। धरने पर रामचंद्र गेदर, कृष्ण कटारिया, सतबीर कड़वासरा, हरी सिंह, परमजीत माखा, गुरदीप बाबा, जगतपाल चाहरवाला, जगदीश भुर्टवाला, जसपाल चोयल उपस्थित थे।
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