बाल रोग विशेषज्ञ समेत चिकित्सकों के 21 पद खाली
कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार ने सरकारी
संवाद सहयोगी, डबवाली : कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार ने सरकारी अस्पतालों में संसाधनों की उपलब्धता पर जोर दे रखा है। वहीं बेसिक जरूरतें उपलब्ध करवाने के मामले में फिसड्डी नजर आती है। आंकड़ों के अनुसार बात करें तो डबवाली के उपमंडल नागरिक अस्पताल में डाक्टर, नर्स, रेडियोग्राफर समेत 12 महत्वपूर्ण पदों पर कर्मचारियों का टोटा है। करीब 80 फीसद से ज्यादा स्वीकृत पद खाली पड़े है। इन पदों को भरना इसलिए आवश्यक है, चूंकि कोरोना के समय उपरोक्त की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। मरीजों को संभालने के लिए डाक्टर, नर्स चाहिए। डाक्टरों की बात करें तो 21 पद खाली पड़े है। एक डाक्टर लंबे समय से अनुपस्थित चल रहा है, तो दूसरा डाक्टर पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए गया हुआ है। इस प्रकार 23 डाक्टरों की कमी है। 19 डाक्टर तैनात है।
बता दें, कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक बताई जा रही है। जबकि डबवाली के उपमंडल नागरिक अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है। सवाल उठता है कि संभावना सही हुई तो परिस्थितियों को काबू कौन करेगा? कोरोना आशंकित मरीज के चैकअप के लिए एक्स-रे होना जरुरी है। लेकिन रेडियोग्राफर उपलब्ध नहीं है। सिटी स्कैन की व्यवस्था नहीं है। सिटी स्कैन के लिए मरीज को सिरसा रेफर करना पड़ेगा।
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एक्स-रे मशीन वेटिग लिस्ट में
डबवाली में 146 आक्सीजन पाइंट लग चुके है। फायदा तभी है, जब छोटी-छोटी जरुरतें पूरी होगी। एक्स-रे मशीन को ही देख लीजिए। स्वास्थ्य विभाग के डीजी ने मार्च 2021 में हरियाणा मेडिकल सर्विसज कार्पोरेशन लिमिटेड हरियाणा के मैनेजिग डायरेक्टर को 300 एमए एक्स-रे मशीन खरीदने के लिए करीब पौने सात लाख रुपये जारी किए थे। करीब पांच माह की अवधि बीतने के बावजूद मशीन की खरीद नहीं हुई।
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स्वीकृत पद और स्थिति
अधिकारी/कर्मचारी स्वीकृत खाली
मेडिकल अधिकारी 42 21 साइकोलोजिस्ट 01 01 फिजियोथेरेपिस्ट 02 02 नर्सिंग सिस्टर 05 03 स्टाफ नर्स 38 27 फार्मासिस्ट 08 04 लैब टेक्निशयन 10 10 रेडियोग्राफर 05 05 इसीजी टेक्निशियन 03 03 डाइटीशन 01 01 बायो मेडिकल इंजीनियर 01 01 क्वालिटी मैनेजर 01 01 ---- समय-समय पर स्टाफ की स्थिति से उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जाता है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्टाफ की स्थिति पर स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। जरुरी कदम उठाए जा रहे है। -डा. एमके भादू, एसएमओ, डबवाली