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20 गांवों की सेम समस्या के निदान का प्रोजेक्ट तैयार, खर्च होंगे 98 करोड़

दो दशक से अधिक समय से सेम की समस्या के कारण बंजर हुई जमीन को उ

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 11:43 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 11:43 PM (IST)
20 गांवों की सेम समस्या के निदान का प्रोजेक्ट तैयार, खर्च होंगे 98 करोड़
20 गांवों की सेम समस्या के निदान का प्रोजेक्ट तैयार, खर्च होंगे 98 करोड़

जागरण संवाददाता, सिरसा:

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दो दशक से अधिक समय से सेम की समस्या के कारण बंजर हुई जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए प्रोजेक्ट बन गया है। 97.27 करोड़ के प्रोजेक्ट से 20 गांवों की 26 हजार एकड़ भूमि से सेम का पानी निकाला जाएगा। इस पानी को ड्रेन के माध्यम से घग्घर में डाल दिया जाएगा। दिन भर ट्यूबवेलों के माध्यम से सेम का पानी निकाला जाएगा। नाथूसरी चौपटा क्षेत्र के 20 से अधिक गांव सेम की समस्या से ग्रस्त रहे हैं। 15 साल पहले यहां सेम की समस्या समाप्त करने के लिए प्रयास हुए थे लेकिन वे सिरे नहीं चढ़े। अब फिर से सरकार ने नया प्रोजेक्ट तैयार किया है। इस प्रोजेक्ट में पानी निकासी से लेकर ट्यूबवेल संचालन तक की पूरी प्रक्रिया को सौर ऊर्जा से जोड़ा गया है। तब डीजल इंजन थे लेकिन इस बार सौर ऊर्जा से ट्यूबवेल संचालित होंगे। 10, 7.5 तथा 5 हॉर्स पावर की मोटरें लगाई जाएंगी जो जमीन से पानी निकालने का काम करेंगी।

30 से 40 एकड़ पर एक बोर की योजना

सेम से डूबी भूमि से पानी निकालने के लिए 30 से एकड़ भूमि पर एक बोर की योजना है। बोर 70 फीट तक गहरे होंगे। कई ट्यूबवेलों को जोड़कर पानी सेम नाले में डाला जाएगा और इसके लिए प्लास्टिक की पाइपें बिछाई जाएंगी। जितने भी बोर किए जाएंगे उनमें से ज्यादातर 12 इंची होंगे और उसी अनुरूप मोटरें लगाई जाएंगी।

ड्रेन से ऊंचे क्षेत्र में बनाए जाएंगे तालाब

हरियाणा ऑपरेशनल पायलट प्रोजेक्ट द्वारा तैयार किए गए प्रोजेक्ट के अनुसार कुछ गांव ऐसे हैं जहां भूमि सेमनाले से ऊंची है। इसलिए यहां पानी की निकासी में परेशानी न आए इसके लिए कुछ स्थानों पर चिह्नित कर तालाब बनाए जाएंगे और कई ट्यूबवेलों को तालाब से जोड़ा जाएगा। तालाब का पानी लिफ्ट से ड्रेन में डाला जाएगा। चार बार टीम ने दौरा कर तैयार किया प्रोजेक्ट

ब्लॉक समिति के चेयरमैन वीरेंद्र साहु ने बताया कि उसके क्षेत्र के ज्यादातर गांव सेम की समस्या से प्रभावित हैं और वर्षों से इस दंश को झेल रहे थे। उन्होंने इस समस्या को बीज विकास निगम के चेयरमैन पवन बैनीवाल के मार्फत राज्य सरकार के समक्ष उठाया और राज्य सरकार ने यहां टीम भेजने के निर्देश दिए। हरियाणा ऑपरेशनल पायलट प्रोजेक्ट के करनाल संस्थान से जुड़ी टीम ने सभी 20 गांवों का दौरा किया और पानी निकासी से ही सेम समस्या का समाधान ढूंढा। टीम यहां चार बार दौरा कर चुकी है और अब प्रोजेक्ट मंजूर हुआ है। निकलेगा स्थायी समाधान

मेरे विधानसभा क्षेत्र के 20 गांवों की 26 हजार एकड़ भूमि सेम से ग्रस्त हैं। वर्षों से यहां फसल नहीं हुई है। जब से भाजपा की सरकार आई है तभी से पायलट प्रोजेक्ट के लिए लगा रहा और अब इसमें सफलता मिली है। अब कह सकता हूं कि सेम की समस्या का निदान होगा। स्थायी समाधान निकाला है। मुख्यमंत्री के समक्ष करीबन 98 करोड़ के प्रोजेक्ट को रखा गया है।

पवन बैनीवाल

चेयरमैन, बीज विकास निगम


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