तीन साल में अधर में काम, नाखुश पार्षद बोले- हाउस की बैठक में बताना होगा बजट न मिलने का कारण
नगर निगम हाउस की बैठक की आखिरकार तिथि तय हो ही गई। अब एक फरवरी को बजट पर मंथन करने के लिए बैठक बुलाई है। बीते साल 28 सितंबर को निगम हाउस की बैठक का पार्षदों ने बहिष्कार कर दिया था। पार्षदों ने गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए तीन दिनों तक धरना दिया था। हाउस की बैठक में जिस बैठक का बहिष्कार हुआ था वह मुद्दे भी शामिल होंगे। कुछ नए एजेंडे भी शामिल होंगे।

जागरण संवाददाता, रोहतक : नगर निगम हाउस की बैठक की आखिरकार तिथि तय हो ही गई। अब एक फरवरी को बजट पर मंथन करने के लिए बैठक बुलाई है। बीते साल 28 सितंबर को निगम हाउस की बैठक का पार्षदों ने बहिष्कार कर दिया था। पार्षदों ने गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए तीन दिनों तक धरना दिया था। हाउस की बैठक में जिस बैठक का बहिष्कार हुआ था वह मुद्दे भी शामिल होंगे। कुछ नए एजेंडे भी शामिल होंगे।
निगम के आयुक्त डा. नरहरि ने बताया कि बैठक कोविड प्रोटोकाल के तहत होगी। कोविड के नियमों का पालन करते हुए 50 फीसद क्षमता के हिसाब से बैठक होगी। इन्होंने बताया कि बैठक के दौरान कुल 50 व्यक्ति ही बैठ सकेंगे। इसमें निगम के अधिकारियों के अलावा तीनों मेयर, पार्षद भी शामिल होंगे। बताते हैं कि निगम ने सख्त हिदायत दी है कि पार्षदों के प्रतिनिधियों को बैठक में एंट्री नहीं मिलेगी। सिर्फ पार्षद ही बैठक में मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही कर्मचारियों को भी बैठक में एंट्री नहीं मिलेगी। आय-व्यय का ब्योरा बनाने के लिए आदेश
अधिकारियों का कहना है कि सरकार चाहती है कि आय के स्त्रोत बढ़ाए जाएं। इसलिए निगम ने आय के स्त्रोत बढ़ाने के साथ ही कुछ मदों में कटौती करने का भी फैसला लिया है। बताते हैं कि निगम कुछ जमीनों को बेचकर और कुछ स्थानों पर व्यवसायिक इमारतें बनाने की योजना को भी सदन में रखेगा। इसके अलावा गांधी कैंप के विवाद को भी हाउस की बैठक में रखा जाएगा। पावर हाउस पर निर्माणाधीन दुकानों के मालिकाना हक व चिन्योट कालोनी में पुनर्वास की योजना पर भी मंथन होगा। ::
नगर निगम हाउस की बैठक कराने के लिए मैंने वीरवार को ही हस्ताक्षर कर दिए थे। पार्षदों के पास पत्र भेजने की जिम्मेदारी नगर निगम अधिकारियों की है।
मनमोहन गोयल, मेयर, नगर निगम
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एक फरवरी को बैठक बुलाई है। इस दौरान नए एजेंडे जैसे बजट को लेकर मंथन होगा। इसके अतिरिक्त 28 सितंबर को जिस हाउस की बैठक का बहिष्कार हुआ था उसके एजेंडे भी बैठक में रखे जाएंगे।
डा. नरहरि बांगड़, आयुक्त, नगर निगम
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नगर निगम हाउस की बैठक में बजट के नाम पर खानापूर्ति होती है। पिछले साल तक तो पांच सेकंड में बजट पास कर दिया था। अब फिर से वही होगा, जोकि अधिकारी चाहते हैं। धरातल पर काम हो नहीं रहे, सब दिखावा हो रहा है।
गुलशन ईशपुनियानी, पार्षद, वार्ड-15
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हमारे पास कोई सूचना नहीं है। हाउस की बैठक करानी है तो पहले अधिकारी पुराने एजेंडों पर बताएं कि उन्होंने क्या कार्रवाई की। तीन साल में अटके हुए कामों का ब्योरा कोई नहीं दे रहा।
कदम सिंह अहलावत, पार्षद, वार्ड-11
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हाउस की बैठक में बजट पेश होता है तो पहले अधिकारियों से पूछेंगे। कहीं सिर्फ वेतन देने के लिए यह बजट तो नहीं पास हो रहा। हमें तो विकास कार्य कराने के लिए बजट की जरूरत है। मेरे वार्ड में तीन साल में सिर्फ 20 लाख के ही काम हुए हैं। विकास कार्यों पर बात होगी तो ठीक है अन्यथा कोई बड़ा फैसला लेंगे।
राहुल देशवाल, पार्षद, वार्ड-10
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नगर निगम हाउस की बैठक तो कराएंगे। बैठक नहीं होगी तो यह जवाब कौन देगा कि विकास कार्य क्यों नहीं कराए जा रहे। पार्षदों को वार्डवार विकास कार्यों का ब्योरा दिया जा चुका है। जो काम हुए हैं उनके पार्षद संतुष्ट नहीं।
धर्मेंद्र गुलिया पप्पन, पार्षद, वार्ड-04
Edited By Jagran