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'Womens Osteoarthritis': पुरुषों से अधिक महिलाएं आर्थराइटिस की शिकार, जानें इसके लक्षण और उपचार

Womens Osteoarthritis महिलाओं का वजन पुरुषों की तुलना में अधिक और खानपान ठीक न होने के कारण वह इस बीमारी की चपेट में अधिक आती हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 10:46 AM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 01:51 PM (IST)
'Womens Osteoarthritis': पुरुषों से अधिक महिलाएं आर्थराइटिस की शिकार, जानें इसके लक्षण और उपचार
'Womens Osteoarthritis': पुरुषों से अधिक महिलाएं आर्थराइटिस की शिकार, जानें इसके लक्षण और उपचार

पुनीत शर्मा, रोहतक। Women's Osteoarthritis: हरियाणा में करीब 20 फीसद लोगों को आर्थराइटिस के लक्षणों के चलते जोड़ों के दर्द से जूझना पड़ रहा है। पीजीआइ रोहतक के आर्थो विभाग में आने वाले मरीजों के आंकड़ों पर गौर करें तो पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह बीमारी अधिक पाई गई। पुरुषों की तुलना में 10 फीसद अधिक महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित पाई गईं। विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक आर्थराइटिस की समस्या मुख्यत: एक्सीडेंट, मोटापे, गठिया बाय, अधिक कमजोर होने या फिर बढ़ती उम्र के कारण होता है। महिलाओं का वजन पुरुषों की तुलना में अधिक और खानपान ठीक न होने के कारण वह इस बीमारी की चपेट में अधिक आती हैं।

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हरियाणा के 50 फीसद लोगों को जोड़ों के दर्द, पीठ दर्द, रीढ़ की हड्डी के दर्द से जूझना पड़ रहा है। इनमें से 20 फीसद लोग ऐसे हैं, जिन्हें केवल घुटने, कोहनी समेत अन्य जोड़ों के दर्द से जूझना पड़ रहा है। इस बीमारी के कारण 10 फीसद पुरुषों और 20 फीसद महिलाओं के जोड़ समय से पहले खराब होने लगते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अनियमित दिनचर्या ओर पौष्टिक आहार के कम सेवन के चलते लोग इस बीमारी से अधिक ग्रसित हो रहे हैं।

चलने-फिरने में होने लगती है परेशानी

आर्थराइटिस का सबसे आम प्रकार है ऑस्टियोआर्थराइटिस। इसका असर जोड़ों, विशेष रूप से कूल्हे, घुटने, गर्दन, पीठ के नीचले हिस्से, हाथों और पैरों पर पड़ता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस आमतौर पर कार्टिलेज ज्वाइंट में होता है। कार्टिलेज हड्डियों की सतह पर मौजूद सॉफ्ट टिश्यू है, जो आर्थराइटिस के कारण पतला और

खुरदरा होने लगता है। इससे हड्डियों के सिरे पर मौजूद कुशन कम होने लगते हैं और हड्डियां एक दूसरे से रगड़ खाने लगती हैं। आर्थराइटिस के लक्षण इसके प्रकार पर निर्भर करते हैं। इसमें दर्द, अकड़न, ऐंठन, सूजन, हिलने-डुलने या चलने-फिरने में परेशानी होने लगती है।

ये हैं लक्षण

जोड़ों में दर्द या नरमी, चलते समय, कुर्सी से उठते समय, लिखते समय, टाइप करते समय, किसी वस्तु को पकड़ते समय, सब्जियां काटते समय अधिक दर्द होना। साथ ही यदि आपको जोड़ों में सूजन, अकड़न, लाल हो जाने, जोड़ों के लचीलेपन में कमी, जोड़ों के आस-पास गर्माहट महसूस होना, चलने पर जोड़ों से आवाज आना आदि की समस्या है तो आपको तुरंत विशेष चिकित्सकों से परामर्श लेना चाहिए।

यह हैं उपचार

जोड़ों के दर्द में पौष्टिक आहार का सेवन, धूप सेवन, हल्की मालिश तथा भौतिक चिकित्सा आवश्यक है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक, आर्थराइटिस के तीन प्रकार माइल्ड, मॉडरेट और सीवियर होते हैं। माइल्ड आर्थराइटिस (शुरुआती दर्द) में मरीज को दर्द निवारक गोलियां देने के साथ उसे व्यायाम करने तथा हड्डियों के बीच मौजूद फर्टिलेज में सुधार की दवाइयां दी जाती हैं। मॉडरेट आर्थराइटिस में हायलूरौनिक एसिड इंजेक्शन जोड़ों में इंजेक्शन के माध्यम से डालते हुए उपचार किया जाता है। अंतिम चरण सीवियर मुख्यत: 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को होती है। ऐसे लोगों को अधिक परेशानी होने की दशा में उनके जोड़ों को ऑपरेशन के माध्यम से बदला जाता है।

पीजीआइ में आने वाले करीब 20 फीसद

लोगों को आर्थो आर्थराइटिस बीमारी पाई गई है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं इससे अधिक ग्रसित हैं। लोगों को कोई भी परेशानी होते ही उसका इलाज शुरू कराना चाहिए। साथ ही प्रतिदिन व्यायाम और सही खान से बीमारी से निजात मिल सकती है। फिजियोथेरेपी के माध्यम से भी हड्डियों के दर्द से निजात पाई जा सकती है।

- डॉ. राजेश रोहिल्ला, सीनियर प्रोफेसर

आर्थो विभाग, पीजीआइएमएस


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