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सत्संग में बुद्धि यूं बढें, ज्यों बोझे में घास : कृष्णानंद

जागरण संवाददाता, रोहतक : मकड़ौली खुर्द में शनिवार को सतगुरु बंदी छोड़ घीसा संत महाराज के

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 06:21 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 06:21 PM (IST)
सत्संग में बुद्धि यूं बढें, ज्यों बोझे में घास : कृष्णानंद
सत्संग में बुद्धि यूं बढें, ज्यों बोझे में घास : कृष्णानंद

जागरण संवाददाता, रोहतक : मकड़ौली खुर्द में शनिवार को सतगुरु बंदी छोड़ घीसा संत महाराज के ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का शुभारंभ स्वामी कृष्णानंद महाराज ने किया। भक्तों को धर्मलाभ देते हुए स्वामी कृष्णानंद ने बताया कि संत कबीर ने कहा है कि जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि है मैं ना¨ह, जब तक जीव को दो होने का बोध होता है, तब तक वह हरि को प्राप्त नहीं कर सकता। धार्मिक रसपान कराते हुए कहा कि कबीर-सत्संग की आधी घड़ी, तप के वर्ष हजार, तो भी समतर ना तूले, संतन किया विचार, अर्थात जीव के कल्याण के लिए ज्ञान ही समर्थ है। प्रवक्ता बलराज सहरावत ने बताया कि मंगलवार 19 फरवरी को पूर्णिमा के अवसर पर सुबह 8.15 बजे हवन, 9.15 बजे अखंड पाठ संपूर्ण भोग, 10 से दोपहर दो बजे तक सत्संग और उसके उपरांत भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

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