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मुसीबत के दौर में वीटा आया पशु पालकों के साथ, 20 हजार किसानों से दूध खरीदता रहेगा

किसान आंदोलन के चलते दिल्ली पंजाब और उत्तर प्रदेश के रास्ते लगातार बाधित हो रहे हैं। रोहतक स्थित वीटा मिल्क प्लांट ने पशु पालकों का साथ देने का फैसला लिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 08:20 AM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2020 08:20 AM (IST)
मुसीबत के दौर में वीटा आया पशु पालकों के साथ, 20 हजार किसानों से दूध खरीदता रहेगा
मुसीबत के दौर में वीटा आया पशु पालकों के साथ, 20 हजार किसानों से दूध खरीदता रहेगा

अरुण शर्मा, रोहतक

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किसान आंदोलन के चलते दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश के रास्ते लगातार बाधित हो रहे हैं। रोहतक स्थित वीटा मिल्क प्लांट ने पशु पालकों का साथ देने का फैसला लिया है। दावा किया है कि बेशक कितने भी रास्ते प्रभावित हों, लेकिन 600 समितियों के माध्यम से करीब 20 हजार पशु पालकों का दूध लगातार खरीदते रहेंगे। यदि दूध की आपूर्ति बाधित होगी तो सूखा दूध तैयार करेंगे।

रोहतक स्थित वीटा मिल्क प्लांट से सात जिलों रोहतक, सोनीपत, भिवानी, दादरी, महेंद्रगढ़, झज्जर और रेवाड़ी में दूध की आपूर्ति होती है। इन जिलों में वीटा की दूध, दही, लस्सी, पनीर, दही, नमकीन बटर, नमकीन लस्सी, सादा लस्सी, घी और देसी गाय का दूध भी सप्लाई होता है। जिन सहकारी समितियों की तरफ से पशु पालकों का दूध खरीदा जाता है वहां लगातार शिकायतें पहुंच रहीं थी। इसलिए समितियों की तरफ से वीटा के प्रबंधन को पशु पालकों की चिता को जाहिर किया गया। यह भी बताया गया कि पशु पालक इस बात से चितित हैं कि रास्ते बंद होने की स्थिति में कहीं उनका दूध खरीदा जाएगा या नहीं। इसलिए उच्चाधिकारियों ने यही कहा है जिन पशु पालकों की तरफ से दूध समितियों में भेजा है वहां पूरी तरह से दूध खरीदा जाएगा। पशु पालकों को परेशान नहीं होने देंगे।

एक लाख लीटर दूध से छह-सात उत्पाद होते हैं तैयार

प्लांट के सूत्रों का कहना है कि करीब एक लाख लीटर दूध से छह-सात उत्पाद तैयार होते हैं। प्रतिदिन 300 किग्रा पनीर, 2000 किग्रा दही, नमकीन मक्खन 1000 किग्रा, नमकीन लस्सी 1000 लीटर, सादा लस्सी 1000 लीटर और घी 6000-7000 लीटर तैयार होता है। देसी गाय का दूध भी यहां तैयार होता है।

आपात स्थिति में सूखा पाउडर करेंगे तैयार और सप्लाई भी

वीटा मिल्क प्लांट प्रबंधन ने दावा किया है कि फिलहाल दिल्ली, पंजाब और सोनीपत वाले रास्ते प्रभावित हैं। यदि कोई बड़ी आपात स्थिति है तो इसके लिए यही तय हुआ है कि प्लांट पूरी तरह से संचालित रहेंगे। पशु पालकों से दूध भी खरीदेंगे। यदि पैकेट में दूध व अन्य उत्पादों की आपूर्ति नहीं होगी तो सूखा पाउडर बनाएंगे। इस पाउडर को एक साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

100 के बजाय 375 किमी दूर पिहोवा में भेज रहे दूध

सोनीपत के कुंडली में भी वीटा का मिल्क प्लांट है, हालांकि यह प्लांट एक निजी एजेंसी का है। यहां प्रतिदिन 50 हजार लीटर सरप्लस दूध पहुंचता था और इससे सूखा पाउडर तैयार होता था। पिछले कई दिनों से कुंडली के रास्ते बंद हैं। इसलिए प्रबंधन 100 किमी दूर कुंडली के बजाय करीब 375 किमी कुरुक्षेत्र के पिहोवा में दूध भेजकर प्लांट में दूध तैयार करा रहा है। प्रबंधन की यह भी तैयारी है कि कहीं रास्ते बंद हुए तो निकट जो भी प्लांट होंगे वहां दूध भेजेंगे और पाउडर बनाने का कार्य करेंगे।


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