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प्रदेश स्तर पर अपनी एक विशेष पहचान रखता है गांव भैसरू कलां

अजय रोहज सांपला सांपला से सात किलोमीटर दूर सांपला-खरखौदा रोड पर बसा गांव भैसरू कलां प्रद

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 07:21 AM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 07:21 AM (IST)
प्रदेश स्तर पर अपनी एक विशेष पहचान रखता है गांव भैसरू कलां
प्रदेश स्तर पर अपनी एक विशेष पहचान रखता है गांव भैसरू कलां

अजय रोहज, सांपला

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सांपला से सात किलोमीटर दूर सांपला-खरखौदा रोड पर बसा गांव भैसरू कलां प्रदेशस्तर पर अपनी एक विशेष पहचान रखता है। गांव की कुल आबादी लगभग 5500 है, जिसमें कुल मतदाता 2100 है। गांव में विकास कार्याें के चलते गांव की पंचायत को राज्य स्तरीय कई पुरस्कार प्राप्त है। गांव का इतिहास ईस्माइला गांव से जुड़ा हुआ है। गांव में ब्राह्मण जाति के लोग ज्यादा है जो कौशिक व भारद्वाज गोत्र के है। गांव में चार पांच जातियों के और लोग भी है। ग्रामीणों के अनुसार गांव का मूल निकास स्थान ईस्माइला से है। पं लखमीचंद के समकालीन पंडित भरतचंद अपने समय के मशहूर सांगी हुए हैं। दावा है कि गांव के पंडित दयाचंद शास्त्री जिले के पहले ऐसे लोकगायक कलाकार हुए जिन्होंनें दिल्ली रेडियों स्टेशन से अपनी प्रस्तुति दी थी और मोहम्मद रफी के साथ काम किया। गांव के लोककवि पंडित श्रीराम की लिखित पुस्तक शर्मा जी शौरभ हरियाणा साहित्य अकादमी से प्रथम पुरस्कार से नवाजी जा चुकी है। उनके पु़त्र को हरियाणा साहित्य पुरस्कार प्राप्त हुआ है। गांव में सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं है। गांव की पंचायत ने जल सरंक्षण पर बहुत अच्छा काम किया है। गाव में जल संरक्षण के लिए पांच स्तरीय तालाब बनाए हैं जिससे गांव में भूमिगत जलस्तर में काफी सुधार हुआ है। वहीं, गांव का आपसी भाईचारा काफी मजबूत है। गांव में गौरव पट भी लगाया गया है।

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गांव ने दिए हैं राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी

गांव के लोगों का खेलों के प्रति रूझान रहा है। गांव ने कुश्ती जैसे खेलों अपनी एक अलग छाप छोड़ी है। पहलवान नारायण शाह, बालकिशन, रिशीपाल, गोपाल कौशिक, नवीन जयहिद, महेश, विकास भारद्वाज जैसे दर्जन भर खिलाड़ी है जिन्होंने गांव का नाम राष्ट्रीय पटल पर अंकित करवाया है।

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शिक्षा के क्षेत्र में रहा है अहम योगदान :

गांव के लोगों का रोहतक स्थित गोड ब्राह्मण शिक्षण संस्थान के विकास में अहम योगदान है। हर अवसर पर शिक्षण संस्थान के नाम पर अलग से दान देने की परंपरा रही हैै। गांव के पंडित भीखूराम संस्थान के प्रधान भी रहे है। गांव के युवा गांव के स्कूल को समय समय अपनी देखरेख में विकास कार्य करवाते रहते है। गांव के सरकारी स्कूल में अच्छे निजी स्कूलों वाली सुविधाएं और शिक्षा की व्यवस्था में गांव के युवाओं का अहम योगदान है। गांव के युवा स्वयं जाकर भी कक्षाओं में पढ़ाते हैं।

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गांव में सुविधाएं

गांव की मुलभूत सुविधाओं और समस्याओं के बारें में बताते हुए निवर्तमान सरपंच मीना देवी ने बताया कि उन्होंनें अपने कार्यकाल में गांव की हर समस्या का निदान करने का प्रयास किया है लेकिन गांव में पेयजल की समस्या का हल नहीं हो पाया है। आने वाले समय में वो भी हल हो जाएगी। स्कूल को लेकर उन्होंनें पिछले पांच साल में करोड़ों रुपये के विकास कार्य करवाए हैं। गांव की छवि हरियाणा के अग्रणी गांवों में है। गांव में लोगो के बीच समरसता का भाव है किसी प्रकार का कोई जातिय वैमनस्य नहीं हैै। पंचायत को मिले पुरस्कार

- राष्ट्रीय मनरेगा अवार्ड

- दीनदयाल उपाध्याय पंचायत शक्ति - इंद्र धनुष योजना में छह स्टार

- खुले में शौच मुक्त गांव।


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