बेहतर शोध के लिए ई-संसाधनों का करें उपयोग : प्रो. राजबीर
वैज्ञानिक शोध मानव कल्याण का रास्ता प्रशस्त करता है। जरूरत है कि शोधार्थी नवोन्मेषी और मानव कल्याणकारी शोध करें।
जागरण संवाददाता, रोहतक : वैज्ञानिक शोध मानव कल्याण का रास्ता प्रशस्त करता है। जरूरत है कि शोधार्थी नवोन्मेषी और मानव कल्याणकारी शोध करें। शोध का अंतर विषयक होना इसको समग्रता प्रदान करता है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने यह विचार विवि के चौधरी रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनोमिक चेंज और फैकल्टी ऑफ फिजिकल साइंसेज एंड इंजीनियरिग की ओर से आयोजित शोध प्रविधि कार्यशाला के रखे।
कुलपति ने कहा कि एमडीयू में शोध कार्य को विशेष प्राथमिकता प्रदान की गई है। इसके लिए गतिशील रिसर्च प्रोमोशन पॉलिसी बनाई गई है। शोधार्थियों के लिए बेस्ट थिसिस अवार्ड का प्रावधान किया गया है। उन्होंने अच्छे शोध के लिए ई-संसाधनों के उपयोग करने और अधिक से अधिक अध्ययन की प्रवृत्ति विकसित करने के लिए प्रेरित किया। रिसर्च के लिए इंटर डिसीप्लीनरी और ट्रांस-डिसीप्लीनरी एप्रोच की बात कही। कार्यशाला के प्रारंभ में सीआरएसआइ के निदेशक प्रो. इंद्रजीत सिंह ने कहा कि नव प्रवेश शोधार्थियों की क्षमता संवर्धन के उद्देश्य से कार्यशाला आयोजित की गई है। पीडीएम यूनिवर्सिटी बहादुरगढ़ के कुलपति प्रो. एके बख्शी ने 21वीं सदी में भारत में वैज्ञानिक उत्कृष्टता विषय पर व्याख्यान दिया।
इस मौके पर कार्यशाला के संयोजक प्रा. एएस मान, डा. रमेश गरदस, प्रो. पीएस ग्रोवर, प्रो. राजेंद्र सिंह छिल्लर ने भी संबोधन किया। एमडीयू परिसर में एसओपी अनुपालना के कार्यालयी आदेश जारी
जागरण संवाददाता, रोहतक :
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) ने कोविड-19 महामारी के ²ष्टिगत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के तहत विश्वविद्यालय कैंपस में प्रवेश बारे को लेकर कोविड एसओपी अनुपालना के कार्यालयी आदेश जारी किए हैं। कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने कहा कि विवि परिसर में प्रवेश वैद्य पहचान पत्र के जरिए ही होगा। मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। विश्वविद्यालय के एंट्री पाइंट, एक्जिट पाइंट और पब्लिक डीलिग वाले कार्यालयों/स्थानों पर क्राउडिग की अनुमति नहीं होगी।