अनट्रेस केस को पुलिस ने रात में कुछ यूं किया ट्रेस, आरोपितों को मोबाइल रखना पड़ा भारी
विनीत तोमर, रोहतक : तिलियार से नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मुख्य आरोपितों तक पहुंचने के लिए पुलिस को काफी पापड़ बेलने पड़े। अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित पूरी तरह से अनट्रेस थे। अभी तक यह सवाल सभी के मन में है कि आखिरकार पुलिस आरोपितों तक कैसे पहुंची। इसे लेकर दैनिक जागरण ने घटना के शुरू से लेकर आखिर तक पूरी पड़ताल की, जिसमें सामने आया कि आरोपितों का मोबाइल लेकर कई घंटे तक एक-दूसरे के साथ रहना ही उनके लिए सबसे बड़ी गलती साबित हुई। इसी वजह से साइबर की मदद से चारो आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
विनीत तोमर, रोहतक : तिलियार से नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मुख्य आरोपितों तक पहुंचने के लिए पुलिस को काफी पापड़ बेलने पड़े। अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित पूरी तरह से अनट्रेस थे। अभी तक यह सवाल सभी के मन में है कि आखिरकार पुलिस आरोपितों तक कैसे पहुंची। इसे लेकर दैनिक जागरण ने घटना के शुरू से लेकर आखिर तक पूरी पड़ताल की, जिसमें सामने आया कि आरोपितों का मोबाइल लेकर कई घंटे तक एक-दूसरे के साथ रहना ही उनके लिए सबसे बड़ी गलती साबित हुई। इसी वजह से साइबर की मदद से चारो आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
यह था मामला
पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले की रहने वाली एक नाबालिग लड़की अपने परिजनों के साथ रोहतक की एक कॉलोनी में रहती है। बृहस्पतिवार शाम वह अपने दोस्त अजय निवासी गांव सिमरा जिला आरा बिहार के साथ घूमने के लिए तिलियार पर गई थी। इसी दौरान दोनों के साथ मारपीट कर बाइक सवार युवकों ने लड़की का अपहरण कर लिया था। आरोपितों ने अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस मामले में पुलिस ने पीड़िता के दोस्त समेत आरोपित विपिन उर्फ मोनू , प्रवेश उर्फ सोनू , नीरज उर्फ नीटू निवासी बोहर को गिरफ्तार किया गया है। जबकि एक आरोपित फरार चल रहा है। पुलिस के जाल में ऐसे फंसे आरोपित
तिलियार से अपहरण करने के बाद बाइक सवार दोनों आरोपितों ने पीड़िता का मुंह बांध दिया और उसे इधर-उधर भी नहीं देखने दिया। इसके बाद बोहर गांव के जंगल में लेकर जाकर अपने साथियों संग सामूहिक दुष्कर्म किया। फिर गांव में एक आरोपित के घर लाए, वहां से बोहर नाके पास खाली पड़े कमरे में फिर से सामूहिक दुष्कर्म किया और शीला बाईपास पर फेंककर फरार हो गए। इस मामले में आरोपितों की न कोई पहचान थी और न ही पीड़िता उनके बारे में कुछ जानती थी। यही पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। पीड़िता शीला बाईपास से खुद ही अपने घर रात में लौटी। वहां से पुलिस ने अपनी जांच पड़ताल शुरू की। डीएसपी ममता खरब के नेतृत्व में आरोपितों की छानबीन शुरू की गई। पुलिस ने सबसे पहले पीड़िता से आरोपितों का हुलिया और वह उसे कहां-कहां लेकर गए इसके बारे में पूरी जानकारी ली। जहां-जहां पर आरोपित पीड़िता को लेकर गए थे, पीड़िता को उसके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं थी, लेकिन उसने इतना जरूर बताया कि करीब दो किलोमीटर के दायरे में वह जंगल है। इसके अलावा जिस घर में लेकर गए वहां उसकी भौगोलिक जानकारी भी दी। जैसे उसका दरवाजा कौन सी दिशा में है और आसपास कोई तालाब या अन्य कोई पहचान है या फिर नहीं। रात में ही किए 50 से अधिक नंबर ट्रेस
पीड़िता की बताई लोकेशन के बाद पुलिस की एक टीम ने गांव की गलियों की खाक छानी। गांव में पुलिस ने अपने सूत्रों से भी ऐसी लोकेशन के घर के बारे में जानकारी ली। इसके बाद जंगल के जिस क्षेत्र में पीड़िता ने संभावना जताई थी, पुलिस ने उस एरिया में चल रहे 50 से अधिक मोबाइल नंबर ट्रेस किए। इसके बाद यह पता किया गया कि कौन-कौन से तीन या चार नंबर एक साथ लोकेशन बदल रहे थे। इसमें आरोपितों के मोबाइल नंबर आ गए, जिनकी लोकेशन कभी जंगल, कभी घर तो कभी बोहर नाके और शीला बाईपास पर एक साथ मूव हो रही थी। इससे पुलिस को उन नंबरों पर शक हुआ। पुलिस ने रात में ही उन नंबरों का पूरा रिकार्ड निकाला। पुलिस का यही कदम आरोपितों पर शिकंजा कसने के लिए मददगार बना। इसके बाद एक-एक कर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पीड़िता से उनकी शिनाख्त परेड़ कराई, जिसके बाद पूरी कहानी ही स्पष्ट हो गई। आरोपितों दो-दो दिन के रिमांड पर, क्राइम सीन पर लेकर जाएगी पुलिस
इस मामले में एसआइटी का गठन किया गया था, जिसका इंचार्ज डीएसपी ममता खरब को बनाया गया है। शनिवार को पुलिस ने चारों आरोपितों को कोर्ट में पेश किया। वहां से पुलिस ने उन्हें दो-दो दिन के रिमांड पर लिया है। आरोपितों को रिमांड पर लेकर उनसे कड़ी पूछताछ की जाएगी। उन्हें मौके पर लेकर वहां से भी जांच पड़ताल की जाएगी। साथ ही पांचवें आरोपित को पकड़ने के लिए भी दबिश जारी है। बताया जा रहा है कि दो आरोपितों का पहले भी आपराधिक रिकार्ड रहा है, जिनके खिलाफ चोरी के मामले भी दर्ज है। पुलिस इसके बारे में आरोपितों का गहनता के साथ रिकार्ड खंगाल रही है।
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इस मामले में कोई लापरवाही नहीं बरती गई। रात में ही साइबर की मदद से आरोपितों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपितों को दो-दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। वहीं फरार आरोपित की भी तलाश की जा रही है।
- ममता खरब, डीएसपी व एसआइटी इंचार्ज।