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टैंक की सफाई करने उतरे दो मजदूरों की दम घुटने की मौत, तीसरे की हालत बिगड़ी

संवाद सहयोगी, सांपला : हसनगढ़ गांव स्थित पेट्रोलियम फैक्टरी में टैंक की सफाई करने उतरे द

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 06:05 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 06:05 PM (IST)
टैंक की सफाई करने उतरे दो मजदूरों की दम घुटने की मौत, तीसरे की हालत बिगड़ी
टैंक की सफाई करने उतरे दो मजदूरों की दम घुटने की मौत, तीसरे की हालत बिगड़ी

संवाद सहयोगी, सांपला : हसनगढ़ गांव स्थित पेट्रोलियम फैक्टरी में टैंक की सफाई करने उतरे दो मजदूरों की दम घुटने के कारण मौत हो गई। मजदूरों को बाहर निकलने के लिए उतरे तीसरे मजदूर की हालत भी बिगड़ गई, जिसे आनन-फानन में टैंक से बाहर निकाला गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मजदूरों के शव को पोस्टमार्टम के लिए पीजीआइ में भिजवा दिया गया। टैंक में गैस बनने के कारण यह हादसा हुआ है। तीसरे मजदूर की हालत भी ¨चताजनक बनी हुई है।

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दिल्ली के रोहिणी निवासी सुशील बेरवाल की हसनगढ़ गांव में शिवा पेट्रोलियम नाम से फैक्टरी है। इसमें काले तेल को रिफाइन की मोबीऑयल बनाया जाता है। फैक्टरी में करीब 13 मजदूर काम करते हैं। शुक्रवार सुबह करीब नौ बजे बिहार के छपरा जिले के तेतिया गांव का रहने वाला 19 वर्षीय रोहित पुत्र शंभुदास खाली पड़े तेल के टैंक की सफाई करने के लिए उतरा था। काफी देर तक भी वह टैंक से बाहर नहीं आया। इसके बाद छपरा जिले का ही गोदरी बाजार गांव निवासी रणजीत पुत्र कृष्ण भी टैंक में उतर गया। इसके बाद वह भी बाहर नहीं आया। अनहोनी की आशंका के चलते बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाला जोगेंद्र भी टैंक में उतर गया। टैंक के अंदर जाने पर पता चला कि रोहित और रणजीत बेहोशी की हालत में पड़े है। इस पर जोगेंद्र ने शोर मचा दिया। शोर सुनकर दूसरे मजदूरों ने उसे आनन-फानन में बाहर निकाला, लेकिन तब तक वह भी बेहोश हो गया। इसके बाद रस्सियों के सहारे दोनों मजदूरों को भी बाहर निकाला गया। तीनों मजदूरों को तभी पीजीआइ में लाया गया। वहां पर डाक्टरों ने रोहित और रणजीत को मृत घोषित कर दिया। जोगेंद्र की हालत गंभीर बनी हुई है। सूचना मिलने पर सांपला थाना पुलिस पहले फैक्टरी में पहुंची और फिर पीजीआइ में आई। पुलिस ने मामले की जानकारी लेकर दोनों मजदूरों के शवों को का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। हादसे की जानकारी मिलने पर फैक्टरी मालिक भी मौके पर पहुंच गए थे। देर रात तक मजदूरों के परिवार की तरफ से पुलिस को शिकायत नहीं दी गई थी।

एक माह में करते हैं टैंक की सफाई

फैक्टरी के टैंक की माह में एक बार सफाई की जाती है। त्योहारों के कारण चार दिन से फैक्टरी बंद थी। शुक्रवार को सबसे पहले पहुंचते ही मजदूरों ने फैक्टरी के टैंक की सफाई शुरू कर दी थी। उन्हें क्या पता था कि यह हादसा हो जाएगा। इस हादसे के बाद फैक्टरी को भी शुरू नहीं किया गया।

11 साल से परिवार के साथ रहता था रणजीत

पुलिस के अनुसार, रणजीत अपने परिवार के साथ करीब 11 साल से यहां पर आकर रह रहा था। वह इसी फैक्ट्री में लंबे समय से काम कर रहा था। उसका परिवार भी फैक्ट्री में रहता था। जबकि रोहित अविवाहित था, जो अन्य मजदूरों के साथ यहां पर कई साल से रह रहा था। दोनों की मौत के बाद मातम का माहौल बना हुआ है।

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एमडीयू के केमिस्ट्री विभागाध्यक्ष प्रो. एसपी खटकड़ का कहना है कि इस तरह की फैक्टरियों में सफाई के लिए सल्फरडाई आक्साइड का भी इस्तेमाल कर लिया जाता है, जो बेहद खतरनाक होता है। जिस तरीके से यह हादसा हुआ है उससे लग रहा है कि टैंक के अंदर कार्बन मोनोआक्साइड गैस बनी हुई हो सकती है। यह जानलेवा होती है और कुछ ही देर में व्यक्ति का दम घुटने के कारण मौत हो जाती है।

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टैंक के अंदर मजदूर सफाई करने के लिए उतरे थे, इस दौरान यह हादसा हो गया। मृतक के परिजनों की तरफ से अभी तक कोई शिकायत नहीं दी गई है। शिकायत मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

- कुलबीर ¨सह, थाना प्रभारी सांपला।


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