ट्रैफिक यातायात अभियान फ्लॉप, खुलेआम उड़ रही नियमों की धज्जियां
जागरण संवाददाता, रोहतक : शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए पुलिस आए दिन अभियान चलाती है, लेकिन हालात जस के तस है। इसके लिए कभी हेलमेट जीरो टॉलरेंस तो कभी विशेष चे¨कग अभियान चलाकर लोगों को जागरूक भी किया जाता है। वर्तमान की स्थिति देखें तो न तो यातायात व्यवस्था सुधर रही और न ही शहरवासी सिस्टम को सुधारने की कोशिश में नजर आ रहे।
जागरण संवाददाता, रोहतक : शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए पुलिस आए दिन अभियान चलाती है, लेकिन हालात जस के तस है। इसके लिए कभी हेलमेट जीरो टॉलरेंस तो कभी विशेष चे¨कग अभियान चलाकर लोगों को जागरूक भी किया जाता है। वर्तमान की स्थिति देखें तो न तो यातायात व्यवस्था सुधर रही और न ही शहरवासी सिस्टम को सुधारने की कोशिश में नजर आ रहे।
दरअसल, कुछ समय से पुलिस यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए आए दिन अभियान चला रही है। हर चौक-चौराहे पर पुलिसकर्मी चे¨कग करते हुए दिखाई देते हैं। वर्ष 2017 के आंकड़ों पर नजर डाले तो पुलिस ने जिले में एक लाख 8 हजार 427 वाहनों के चालान काटे। इसमें सबसे अधिक करीब 20 हजार उन लोगों की संख्या है जो बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चला रहे थे। इसके बाद गलत पार्किंग और गलत साइड ड्राइ¨वग करने वालों की संख्या है। यातायात नियम तोड़ने वालों से पुलिस का खजाना तो भरा, लेकिन शहर की यातायात व्यवस्था आज तक नहीं सुधरी। पिछले साल करीब पौने दो करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया था। नाबालिगों की संख्या भी कुछ कम नहीं है। पिछले साल करीब दो हजार नाबालिगों के चालान काटे गए। इसके अलावा इस साल भी जनवरी से अब जुलाई माह तक करीब 35 हजार वाहनों के चालान काटे जा चुके हैं। फिर भी हर सड़क पर ट्रिपल राइ¨डग और बिना हेलमेट के वाहन चलाते दिखेंगे तो वहीं हर मिनट लालबत्ती पार करते भी देखे जा सकते हैं। ऐसे में अभियान का असर क्यों नहीं हो रहा है इसके लिए कहीं न कहीं शहरवासी भी जिम्मेदार है, जो अपने शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने में पुलिस का सहयोग नहीं कर रहे।
यह है दैनिक जागरण की अपील
शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए दैनिक जागरण भी शहरवासियों से अपील करता है। न केवल पुलिस के डर से यातायात नियमों का पालन करें, बल्कि अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए इसे एक नैतिक जिम्मेदारी समझे। पुलिस भले ही कितना भी प्रयास कर लें, लेकिन जब तक हम सब मिलकर सहयोग नहीं करेंगे तब तक यातायात व्यवस्था को नहीं सुधारा जा सकता।
यह है 2017 का आंकड़ा
माह चालान
जनवरी 7614
फरवरी 1226
मार्च 2934
अप्रैल 10750
मई 12610
जून 11922
जुलाई 11914
अगस्त 7468
सितंबर 13112
अक्तूबर 7338
नवंबर 11166
दिसंबर 10353
नोट : यह आंकड़े वर्ष 2017 के हैं। दिए गए आंकड़े में शराब पीकर गाड़ी चलान, ब्लैक फिल्म, ओवर स्पीड़, वाहन की छत पर सफर करना और गलत ड्राइ¨वग करना आदि सभी शामिल है। वर्जन
यातायात नियमों का पालन कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। रोजाना करीब 300 के आसपास चालान काटे जा रहे हैं। शहरवासियों से भी अपील है कि वह यातायात व्यवस्था सुधारने में पुलिस का सहयोग करें।
- गुरदेव ¨सह, ट्रैफिक एसएचओ-1।