चार राज्यों में फैला है ठग गिरोह, मोबाइल कंपनी के तीन प्रमोटर करते थे फर्जी सिम इश्यू
साइबर ठगी करने वाले अंतरराज्जीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। यह गिरोह हरियाणा उत्तराखंड उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक फैला हुआ है। यह भी जानें कि जिस व्यक्ति के खाते से यह गिरोह रकम साफ करता है उसके बाद उस रकम को कम से कम पांच से सात खातों में ट्रांसफर करते हैं। जिन लोगों के खातों में रकम ट्रांसफर होती है उन्हें भी इसकी कोई जानकारी नहीं होती।
विनीत तोमर, रोहतक : साइबर ठगी करने वाले अंतरराज्जीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। यह गिरोह हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक फैला हुआ है। यह भी जानें कि जिस व्यक्ति के खाते से यह गिरोह रकम साफ करता है, उसके बाद उस रकम को कम से कम पांच से सात खातों में ट्रांसफर करते हैं। जिन लोगों के खातों में रकम ट्रांसफर होती है, उन्हें भी इसकी कोई जानकारी नहीं होती। कुछ घंटे के बाद ही यह खेल पूरा कर दिया जाता है और आखिर में किसी अन्य प्रदेश के एटीएम से जाकर कैश निकाल लिया जाता है। निजी मोबाइल कंपनी का प्रमोटर इस गिरोह का फर्जी तरीके से सिम इश्यू कराकर देता था, जो अब इकोनोमिक सेल के हत्थे चढ़ा है। जिससे पूछताछ में यह जानकारी मिली है। यह है मामला
कंसाला गांव निवासी संजय कुमार का पंजाब नेशनल बैंक शाखा में खाता था। सितंबर 2020 को संजय कुमार के नंबर पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। जिसके बाद उसके खाते से अलग-अलग ट्रांजेक्शन कर एक लाख 98 हजार रुपये निकाल लिए गए। पीड़ित की शिकायत पर आइएमटी थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया। जिसके बाद इसकी जांच इकोनोमिक सेल को सौंप दी गई। इस तरह करते थे पुलिस को गुमराह
पूरे मामले की जांच इकोनोमिक सेल के मुख्य सिपाही दिनेश कुमार ने की। इसमें पता चला कि संजय के खाते से जो रकम निकाली गई थी, वह जींद के किसी युवक के खाते में भेजी गई है। इसके बाद पुलिस ने जींद के युवक से पूछताछ की, जिसने बताया कि उसका खाता हैक हो चुका है और उसे नहीं पता कि रकम आई है या नहीं। जांच आगे बढ़ती गई तो पता चला कि जींद के युवक के खाते से यह रकम दिल्ली के प्रेमचंद शर्मा नाम के व्यक्ति के खाते में भेज दी गई। पुलिस प्रेमचंद शर्मा तक पहुंची तो वह खाता फर्जी पते पर मिला। आखिर यह रकम फिन केयर स्मॉल फाइनेंस बैंक के खाते में ट्रांसफर कर दी गई। पुलिस उस खाते की जानकारी जुटा रही थी, तभी पता चला कि यह रकम गाजियाबाद में इंडस बैंक के एक एटीएम से कैश कर ली गई। ऐसे खुला राज, फोटो रूबी का और आइडी पर प्रिया तिवारी का नाम
जांच अधिकारी दिनेश ने बताया इस मामले में पता चला कि दिल्ली के रहने वाले इस गिरोह में कानपुर के सराय बाजार निवासी जफर मंसूरी, दिल्ली के जखीरा निवासी दीपक और रूबी शामिल हैं। तीनों दिल्ली में एक निजी मोबाइल कंपनी के प्रमोटर है और फर्जी तरीके से सिम इश्यू कराकर गिरोह के लोगों को कमीशन पर बेच देते हैं। एक सिम ऐसा भी इश्यू किया गया था, जिसमें रूबी ने अपना खुद का फोटो लगाया था और उस पर प्रिया तिवारी नाम लिख दिया गया था। इसके बाद दीपक और रूबी को गिरफ्तार किया गया। अब इस मामले में जफर मंसूरी को उत्तराखंड के हल्द्वानी से पकड़ा गया। जिससे पांच दिन रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई। फिलहाल इस गिरोह के सरगना उत्तराखंड के अल्मोड़ा निवासी नवीन और यूपी के प्रतापगढ़ निवासी गौरव मिश्रा को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दी जा रही है।