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उपभोक्ता फोरम ने दी राहत, पांच लाख तक की संपत्ति के केस अब मुफ्त में करा सकेंगे दर्ज

जागरण संवाददाता, रोहतक उपभोक्ता फोरम केस करना अब और आसान होगा। उपभोक्ता फोरम में अब

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 08:13 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 08:13 PM (IST)
उपभोक्ता फोरम ने दी राहत, पांच लाख तक की संपत्ति के केस अब मुफ्त में करा सकेंगे दर्ज
उपभोक्ता फोरम ने दी राहत, पांच लाख तक की संपत्ति के केस अब मुफ्त में करा सकेंगे दर्ज

जागरण संवाददाता, रोहतक

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उपभोक्ता फोरम केस करना अब और आसान होगा। उपभोक्ता फोरम में अब पांच लाख रुपये तक के सामान खरीददारी के मामलों में ठगी, धोखाधड़ी आदि होने पर मुफ्त में केस दायर करा सकेंगे। पहले पांच लाख रुपये तक के केस दायर कराने के लिए फीस तय थी। उपभोक्ता फोरम के नियमों में बदलाव हुआ है। नए बदलावों के साथ ही कानूनी सलाह देने के लिए भी अधिवक्ता राय देंगे।

यहां बता दें कि अब पांच लाख से अधिक व दस लाख रुपये तक 200 रुपये फीस तय कर दी है। पहले पांच लाख रुपये तक फीस देनी होगी थी। उपभोक्ता फोरम के अधिवक्ता अतुल गोयल व असिस्टेंट वालेंटियर जया ने बताया कि उपभोक्ताओं को नियमों के विपरीत यदि सामान, सामग्री आदि मिलती है तो वह केस दायर कर सकते हैं। हालांकि शिकायत के साथ ही हर हाल में साक्ष्य भी चाहिए। जैसे सामान खरीद की असल रसीद, मूल बिल की कॉपी या फिर अन्य साक्ष्य। इसलिए उपभोक्ताओं को सामान खरीदते समय नियम व शर्तों को गौर से पढ़ना चाहिए। बिल साथ जरूर लें। भुगतान की रसीद भी लेना जरूरी है। शिकायतें दर्ज कराने के लिए यह दस्तावेज चाहिए

उपभोक्ता फोरम के अधीक्षक आरएस सैनी ने बताया कि उपभोक्ता केस दायर करने के लिए तीन फाइलें बनानी होंगी। जितने विरोधी पक्ष होंगे, उतनी ही अतिरिक्त फाइलें बनानी होंगी। साक्ष्य के तौर पर जैसे सामान खरीद की रसीद, बिल आदि चाहिए। टाइप किए गए ही आवेदन लिए जाएंगे। टाइप किए गए आवेदनों के साथ ही साक्ष्य भी देने होंगे। जरूरत पड़ने पर नि:शुल्क कानूनी सलाह भी मिलेगी। इनका यह भी कहना है कि उपभोक्ता हर हर हाल में रसीद, बिल आदि जरूरत लें। सोमवार व बुधवार को नि:शुल्क कानूनी राय देने के लिए अधिवक्ता बैठेंगे

उपभोक्ता फोरम में यदि आपको कानूनी राय लेनी है तो मुफ्त में जानकारी मिलेगी। अब हर सोमवार और बुधवार को नि:शुल्क कानूनी सलाह मिलेगी। इसके लिए अधिवक्ता अतुल गोयत तैनात किए गए हैं। जबकि असिस्टेंट वाले¨टयर बतौर जया को तैनात किया गया है। यह भी कानूनी सलाह के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को नि:शुल्क केस लड़वाने के लिए भी अधिवक्ता तय कराने में मदद करेंगे। असिस्टेंट वालि¨टयर जया सोमवार और शुक्रवार को कार्यालय में बैठेंगी। अब यह नियम हुए हैं तय :

अब पांच से अधिक व दस लाख रुपये तक : 200 रुपये फीस

अब 10 लाख रुपये से अधिक व 20 लाख रुपये तक : 400 रुपये फीस

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पहले एक लाख रुपये तक : 100 रुपये फीस

पहले पांच लाख रुपये तक : 200 रुपये फीस

पहले दस लाख रुपये तक : 400 रुपये फीस

पहले 20 लाख रुपये तक : 500 रुपये फीस।


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