मानसून सिर पर, अब हुआ 62 लाख रुपये से डिस्पोजल के निर्माण का टेंडर, एक माह करना होगा इंतजार
सेक्टरों में बरसाती पानी की निकासी के लिए स्थाई समाधान के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। नगर निगम ने बरसाती पानी की निकासी के लिए करीब 62 लाख रुपये का टेंडर तो कर दिया है। लेकिन सेक्टरों में दो स्थानों पर बरसाती पानी की निकासी के लिए कम से कम एक माह इंतजार करना होगा।
अरुण शर्मा, रोहतक
सेक्टरों में बरसाती पानी की निकासी के लिए स्थाई समाधान के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। नगर निगम ने बरसाती पानी की निकासी के लिए करीब 62 लाख रुपये का टेंडर तो कर दिया है। लेकिन सेक्टरों में दो स्थानों पर बरसाती पानी की निकासी के लिए कम से कम एक माह इंतजार करना होगा। क्योंकि जिन ठेकेदार को कार्य सौंपा गया है उन्हें सभी कार्य एक माह में पूरे करने हैं। अब सेक्टर वालों की नाराजगी इस बात से बढ़ गई है कि बरसाती सीजन की सभी अधिकारियों को जानकारी होती है, लेकिन काम इतनी लेट कर दिया।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(एचएसवीपी) के प्रमुख सेक्टर-14, सेक्टर-1, सेक्टर-3, सेक्टर-4 एक्सटेंशन, सभी सेक्टरों के हाउसिग बोर्ड, सेक्टर-2 आदि में बरसाती जलजमाव होता है। नगर निगम ने बरसाती पानी की निकासी के लिए ईपीएफ कार्यालय के निकट सेक्टर-2 के अलावा सेक्टर-1-2 के निकट कोने पर एक-एक डिस्पोजल निर्मित कराने की तैयारी कर ली है। दोनों ही डिस्पोजल में दो-दो पंप सेट लगाए जाएंगे। इन डिस्पोजल में बरसाती पानी इकट्ठा होगा। 14 इंच की पाइप लाइन के माध्यम से दिल्ली रोड पर बरसाती पानी की निकासी नाले में होगी। इस पाइप लाइन की लंबाई करीब 350 मीटर होगी। इसी नाले से बरसाती पानी ड्रेनेज में भेजा निकाला जाएगा। इन्हीं दोनों डिस्पोजल से एक अन्य आठ इंच की पाइप लाइन भी बरसाती पानी के लिए बिछाई जाएगी। जोकि करीब 250-300 मीटर लंबी होगी। सोमवार को डिस्पोजल निर्माण के स्थान होंगे चिह्नित
सेक्टरों से बरसाती पानी की निकासी के लिए ठेकेदार सोमबीर दहिया की एजेंसी को कार्य मिला है। ठेकेदार दहिया का दावा है कि हमें वर्क आर्डर मिल चुका है। दो डिस्पोजल और पाइप लाइन बिछाने के कार्य में करीब एक माह लगेगा। इनका यह भी कहना है कि निर्माण कार्य शुरू करने के बाद बरसात नहीं आई तो सही समय पर कार्य हो सकेगा। सोमवार को नगर निगम की इंजीनियरिग ब्रांच के सभी अधिकारी जिन स्थानों पर डिस्पोजल निर्मित होने हैं उन स्थानों को चिह्नित करेंगे। दिसंबर में ही एचएसवीपी ने तैयार किया था एस्टीमेट, फिर भी छह माह बीते
सेक्टर-1 की रेजीडेंट एसोसिएशन के पूर्व प्रधान व वार्ड-11 के पार्षद कदम सिंह अहलावत व वार्ड-11 के पा का दावा है कि पिछले कई साल से सीवरेज व बरसाती पानी की निकासी वाली लाइन साफ नहीं हो सकी हैं। दो साल से नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के बीच भी विवाद है। इन्होंने बताया कि हमें जानकारी हुई कि एचएसवीपी के अधिकारियों ने पिछले साल दिसंबर में ही एस्टीमेट बनाकर नगर निगम कार्यालय में भेज दिए थे। अब छह माह बाद अधिकारियों की नींद क्यों टूटी, पहले क्यों नहीं जागे। सिचाई विभाग को लिखा पत्र, छह पंपसेट मांगे
बताया गया है कि नगर निगम के अधिकारियों ने सिचाई विभाग से भी सहयोग मांगा है। बरसाती सीजन में जल निकासी के लिए छह से आठ पंपसेट लगाकर बरसाती पानी की निकासी के लिए सहयोग मांगा गया है। पार्षद कदम सिंह का कहना है कि हमें सही जानकारी नहीं दी जा रही, हम ही अधिकारियों के पीछे-पीछे घूम रहे हैं। पिछले कई दिनों से अधिकारियों से फोन के माध्यम से संपर्क कर रहे हैं तब यह जानकारी मिली हैं। इसके साथ ही अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। निगम अधिकारियों का तर्क एचएसवीपी के पुराने सभी कामों में गड़बड़ी
निगम के अधिकारियों ने तर्क दिया है कि पुराने सेक्टरों को बसाने के दौरान प्रत्येक कार्य में गड़बड़ी हुई। दावा किया गया है कि सभी सेक्टरों में सर्वे कराया गया था।
जब सेक्टर बसाए गए थे तब यहां बरसाती पानी की लाइन, सीवरेज लाइन व सड़कों का लेवल सही नहीं रखा गया। यह सभी कार्य दोबारा से कराएं जाएं तो 200-250 करोड़ रुपये तक खर्च हो सकते हैं। यह भी दावा किया है कि बरसाती पानी की लाइन कई स्थानों पर नहीं हैं। जिन स्थानों पर लाइन हैं वहां का लेवल ठीक नहीं। वर्जन
हमने टेंडर कर दिए हैं। जिन ठेकेदार को काम सौंपा है वही बरसाती पानी की निकासी का इंतजाम करेंगे। बरसाती सीजन में दिक्कत नहीं आने देंगे। मैं खुद सीधे तौर से जलजमाव के मामलों की निगरानी रखूंगा।
प्रदीप गोदारा, आयुक्त, नगर निगम
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बरसाती सीजन में कई सेक्टरों में चार फीट तक जलजमाव हो जाता है। इसलिए एक साल से अधिकारियों से लगातार अनुरोध कर रहे हैं कि स्थाई इंतजाम करें। बरसाती सीजन सिर पर है। अब एक माह में जल निकासी के इंतजाम कैसे होंगे। अधिकारियों ने कुछ माह पहले काम क्यों नहीं शुरू कराए।
एडवोकेट केके खीरवाट, महासचिव, रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, सेक्टर-1