पीजीआइ में आंखों के ऑपरेशन के लिए पहुंचे सात नए मरीज
जागरण संवाददाता रोहतक पीजीआइ में आंखों के ऑपरेशन के बाद इनफेक्शन फैलने से परेशान
जागरण संवाददाता, रोहतक : पीजीआइ में आंखों के ऑपरेशन के बाद इनफेक्शन फैलने से परेशान सात मरीजों को मंगलवार को छुट्टी दे दी गई। बताया जा रहा है कि इनमें से एक मरीज की आंख में कुछ रोशनी आई है, जबकि छह अन्य मरीजों की आंखों में रोशनी नहीं आई है। साथ ही मंगलवार को पीजीआइ में सात नए मरीज आंखों के दोबारा ऑपरेशन के लिए पहुंचे। जिसके चलते अब तक पीजीआइ में कुल 52 मरीज ऑपरेशन के लिए पहुंच चुके हैं। इनमें से 12 मरीजों का ऑपरेशन किया जाना बाकी है।
भिवानी स्थित सरकारी अस्पताल में आंखों के ऑपरेशन कराने वाले मरीजों को आंखों में इनफेक्शन की समस्या हुई थी। जिसके बाद उन्हें पीजीआइ में दाखिल कराया गया था। पीजीआइ में दोबारा ऑपरेशन कराने के बाद भी मरीजों को कोई राहत नहीं मिली। मंगलवार को पीजीआइ में सात नए मरीज ऑपरेशन के लिए पहुंचे। जिसके चलते अब इनफेक्शन वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 52 पहुंच चुकी है। इनमें से 40 मरीजों का पीजीआइ में दोबारा ऑपरेशन किया जा चुका है, जबकि 12 मरीजों का ऑपरेशन किया जाना शेष है। एक सप्ताह से अधिक तक पीजीआइ में भर्ती रहने के बाद भी मरीजों को राहत नहीं मिलने से निराशा हो रही है। जबकि पीजीआइ में भर्ती अन्य मरीजों की आंखों की रोशनी लौटने की उम्मीद भी दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है। इंजेक्शन से निकाला जा रहा है पस
आंखों में ऑपरेशन के बाद हुए इनफेक्शन से मरीजों की आंखों में पस पड़ चुका है। बताया जा रहा है कि चिकित्सक ऑपरेशन से पहले मरीजों की आंखों से इंजेक्शन के माध्यम से पस निकाला जा रहा है। जिन मरीजों की आंखों में इनफेक्शन अधिक फैल चुका है, उनकी आंखों से कई-कई बार पस निकाला जा रहा है। सीएम विडो और मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर सकते हैं मरीज
मरीजों का कहना है कि यदि उनकी आंखों की रोशनी नहीं आई तो वह मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों के साथ मानवाधिकार आयोग से करेंगे। ऐसे में भिवानी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मुसीबत बढ़ सकती है। मरीजों का कहना है कि पीजीआइ प्रबंधन द्वारा बाहर से दवाएं लिखने के मामले को भी उच्चाधिकारियों से शिकायत की जाएगी। आज आ सकती है दवाओं की जांच रिपोर्ट
भिवानी स्थित अस्पताल में आंखों के ऑपरेशन के दौरान प्रयोग की गई दवाओं का सैंपल लेकर अफसरों ने जांच के लिए भेजा था। बताया जा रहा है कि बुधवार को एक सप्ताह होने के चलते दवाओं की जांच रिपोर्ट आ सकती है। जिसके बाद स्पष्ट हो सकेगा कि दवाओं में बैक्टीरिया थे या चिकित्सकों की लापरवाही से मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। मंगलवार को सात नए मरीज पीजीआइ पहुंचे हैं। जबकि सात मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है। मरीजों के बेहतर उपचार के निर्देश दिए हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम लगातार मरीजों की स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
डा. रोहताश यादव, निदेशक पीजीआइ