सीनियर व डिप्टी मेयर के कार्यालयों पर अभी फैसला नहीं, मेयर तक पहुंची शिकायत
सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के कार्यालयों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। सोमवार को माना जा रहा था कि दोनों ही मेयरों को कार्यालय मिल जाएंगे।
जागरण संवाददाता, रोहतक : सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के कार्यालयों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। सोमवार को माना जा रहा था कि दोनों ही मेयरों को कार्यालय मिल जाएंगे। हालांकि दोनों ही मेयरों को किस स्थान पर कार्यालय दिए जाएंगे, इसे लेकर कोई फैसला नहीं हुआ। वहीं, सीनियर डिप्टी मेयर ने दावा किया है कि अगले सप्ताह मेयर कार्यालय के निकट ही दफ्तर मिल जाएगा। जबकि डिप्टी मेयर ने मेयर से मांग की है कि तत्काल ही कार्यालय दिलाया जाए, यदि सुनवाई नहीं हुई तो अधिकारियों से जल्द मिलेंगे।
सीनियर डिप्टी मेयर राजू सहगल ने दावा किया है कि उनकी अधिकारियों से बात हो गई है। मेयर कार्यालय के निकट ही एक कार्यालय खाली पड़ा है, वहीं अगले सप्ताह मुझे बैठने के लिए जगह मिल जाएगी। इन्होंने बताया कि अधिकारियों ने यही आश्वासन दिया है कि आप जहां बैठना चाहते हैं वहीं कार्यालय तैयार करा देंगे। दूसरी ओर, डिप्टी मेयर अनिल कुमार ने बताया कि सोमवार को उम्मीद थी कि कार्यालय को लेकर नगर निगम से कोई फोन आएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो शाम को मेयर मनमोहन गोयल से बात की गई। डिप्टी मेयर का कहना है कि मेयर मनमोहन गोयल के कार्यालय के निकट ही खुद का कार्यालय रखूंगा। अधिकारियों की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है, इसलिए मंगलवार या फिर बुधवार को मिलूंगा। इसके साथ ही कार्यालय तत्काल दिए जाने की मांग करेंगे। कार्यालय मिलेगा तभी कर सकेंगे कार्यभार ग्रहण
सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर को कार्यालय मिलेगा तभी कार्यभार ग्रहण कर सकेंगे। दूसरा कारण यह भी है कि तीनों ही मेयर चाहते हैं कि तत्काल ही सब कमेटियों का गठन हो। इससे उन पार्षदों को भी मौका मिलेगा, जोकि उपेक्षित हैं। पांच से छह सब कमेटियों में पांच-पांच सदस्य, एक-एक चेयरमैन और वाइस चेयरमैन भी बनाने की योजना है। नियम हुए तो कमेटी आठ तक हो सकती हैं। इसलिए सीनियर व डिप्टी मेयर चाहते हैं कि जल्द ही कार्यालय मिलें। कार्यालय मिलते ही तय होगा जनता दरबार का रोस्टर
सीनियर डिप्टी मेयर राजू सहगल ने जनता के मामलों की सुनवाई के लिए जनता दरबार लगाने का फैसला लिया था। जनता दरबार के कार्यक्रम का रोस्टर भी कार्यालय न मिलने के कारण प्रभावित है। दरअसल, कार्यालय मिलने के बाद दोनों मेयर कार्यभार संभालेंगे। इसके बाद तीनों ही मेयर बैठक करके तय करेंगे कि प्रति माह में किस तिथि को जनता दरबार लगाया जाए। जनता दरबार के माध्यम से लोगों की फरियाद सीधे तौर से मौके पर ही निस्तारित करने की योजना है।