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स्कूटी से गिरने के बाद भी नहीं आई खरोंच, कोर्ट ने कहा दर्द को नहीं मान सकते सुबूत, आरोपित बरी

महिला के साथ छेड़छाड़ और 57 हजार रुपये की लूट के मामले मे

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 01:43 AM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 06:19 AM (IST)
स्कूटी से गिरने के बाद भी नहीं आई खरोंच, कोर्ट ने कहा दर्द को नहीं मान सकते सुबूत, आरोपित बरी
स्कूटी से गिरने के बाद भी नहीं आई खरोंच, कोर्ट ने कहा दर्द को नहीं मान सकते सुबूत, आरोपित बरी

जागरण संवाददाता, रोहतक : महिला के साथ छेड़छाड़ और 57 हजार रुपये की लूट के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट ने आरोपित को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। आरोप लगाने वाली महिला कोर्ट में आरोप साबित नहीं कर सकी।

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मामले के अनुसार, ओमैक्स सिटी की रहने वाली महिला ने फरवरी 2018 में अर्बन एस्टेट थाने में शिकायत दी। महिला ने बताया कि वह स्कूटी लेकर किसी काम से जा रही थी। तभी रूप नगर के रहने वाले मोहित ने अपनी कार से उसका पीछा करना शुरू कर दिया। विशाल नगर के नजदीक आरोपित ने स्कूटी में गाड़ी की टक्कर मारकर गिरा दिया, जिसके बाद जबरदस्ती अपनी कार में महिला को खींच लिया। महिला का आरोप था कि आरोपित ने उसका सूट फाड़ दिया और 57 हजार रुपये लूट लिए। आरोपित ने जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़िता ने किसी तरह वहां से भागकर अपनी जान बचाई। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया। यह मामला तभी से कोर्ट में विचाराधीन था। सभी तथ्यों और सुबूतों को देखते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट ने आरोपित को बरी कर दिया है।

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आरोपित को महिला पहले से ही जानती थी। महिला ने जो आरोप लगाए थे वह कोर्ट में साबित नहीं कर सकी। महिला ने बताया था कि घटना के वक्त लाल सूट पहना था, जबकि जिसे गवाह के तौर पर पेश किया गया उस महिला ने सूट का रंग पीला बताया। शिकायतकर्ता ने पहली बार कहा कि आरोपित ने कार की टक्कर मारकर उसकी स्कूटी गिराई, लेकिन महिला को कोई भी चोट या खरोंच नहीं थी। मेडिकल में केवल अंदरूनी दर्द बताया, जिसे कोर्ट में सुबूत नहीं मान सकते। दूसरी बार बयान दिया कि ओवरटेक कर उसकी स्कूटी रोकी थी। साथ ही महिला यह भी साबित नहीं कर सकी कि उसके पास 57 हजार रुपये कहां से आए थे। इन्हीं तथ्यों को देखते हुए कोर्ट ने आरोपित को बरी कर दिया है।

- रविद्र बांगड़, आरोपित पक्ष के वकील।


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