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विज्ञान, इकॉनोमिक्स संकाय हुई बंद तो बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे अभिभावक

संवाद सहयोगी कलानौर सरकारी स्कूलों में विज्ञान व इकॉनोमिक्स संकाय बंद करने पर मंगलवार

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Aug 2019 07:07 PM (IST)Updated: Fri, 16 Aug 2019 06:46 AM (IST)
विज्ञान, इकॉनोमिक्स संकाय हुई बंद तो बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे अभिभावक
विज्ञान, इकॉनोमिक्स संकाय हुई बंद तो बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे अभिभावक

संवाद सहयोगी, कलानौर : सरकारी स्कूलों में विज्ञान व इकॉनोमिक्स संकाय बंद करने पर मंगलवार को विद्यार्थियों और अभिभावकों ने गांव सुंडाना के स्कूल गेट पर ताला जड़ दिया। गुस्साए विद्यार्थियों ने धरना प्रदर्शन करते हुए चेतावनी दी कि यदि उन्हें दूसरे स्कूलों में भेजा गया तो वह स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर होंगे। साथ ही परिजनों ने भी बच्चों को स्कूल न भेजने की चेतावनी दे डाली। अधिकारियों की कड़ी मशक्कत के बाद विद्यार्थियों ने स्कूल गेट का ताला तो खोल दिया, लेकिन मांगें पूरी न होने तक स्कूल जाने से इन्कार कर दिया।

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मंगलवार को गांव सुंडाना स्थित शहीद वजीर सिंह राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में विज्ञान व इकॉनोमिक्स संकाय बंद कर अन्य स्कूलों में विद्यार्थियों को शिफ्ट करने के आदेश के खिलाफ विद्यार्थी और परिजनों ने जमकर हंगामा काटा। गांव सुंडाना स्थित स्कूल के विद्यार्थियों को गांव काहनौर स्थित राजकीय स्कूल में शिफ्ट किए जाने के विरोध में विद्यार्थियों और अभिभावकों ने स्कूल के गेट पर ताला जड़ दिया और धरने पर बैठ गए। सूचना मिलते ही तहसीलदार व खंड शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने छात्राओं को ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने व उपायुक्त से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया, लेकिन छात्राएं नहीं मानी और धरने पर बैठी रहीं। साथ ही चेतावनी दी कि अगर छात्राओं को दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया तो बुधवार से कोई भी विद्यार्थी स्कूल नहीं जाएगा। इस मौके पर मानवाधिकार मिशन की प्रदेशाध्यक्ष मंजू ढाका, सरपंच कुलदीप सिंह, सरपंच हरिओम, दिलबाग, पाले पहलवान, रामनिवास, सुनील, महेंद्र, धर्म, वसंत, संजय व लीला सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे। गांव के ही स्कूलों में विज्ञान व इकॉनोमिक्स संकाय चलाने की मांग

ग्रामीणों ने बताया कि गांव के सरकारी स्कूल में विज्ञान व इकॉनोमिक्स संकाय है तो उन्हें बंद क्यों किया जा रहा है। अभिभावकों ने कहा कि वह अपने बच्चों को दूसरे गांव के स्कूल में नहीं जाने देंगे। गांव के सरपंच कुलदीप ने कहा कि छात्राओं की सुविधा के लिए 1991 में स्कूल का निर्माण कराया गया था, ताकि छात्राओं को गांव में ही सभी संकाय की शिक्षा मिल सके। लेकिन शिक्षा विभाग अब स्कूल से विज्ञान संकाय व इकॉनोमिक्स संकाय को बंद कर छात्राओं को दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है। जिसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा।


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