बिलों की गड़बड़ियों को लेकर नहीं थमी लोगों की नाराजगी
जनस्वास्थ्य विभाग पर गलत बिल देने के आरोप लगाए हैं। वीरवार को सोनीपत रोड स्थित विभागीय कार्यालय पर बिल जमा कराने वालों की भीड़ उमड़ी।
जागरण संवाददाता, रोहतक: शहरी जनता ने जनस्वास्थ्य विभाग पर गलत बिल देने के आरोप लगाए हैं। वीरवार को सोनीपत रोड स्थित विभागीय कार्यालय पर बिल जमा कराने वालों की भीड़ उमड़ी। लोगों का कहना है कि वे पहले ही बिल जमा करा चुका है, अब दो साल पुराना बकाया बिल बताकर कई गुना अधिक के बिल घरों पर पहुंचे हैं। बिल जमा कराने पहुंचे विभिन्न कालोनियों के लोगों का कहना है कि वे कई साल से समय पर बिल जमा कराते आ रहे हैं, फिर भी बकाया दिखाया जा रहा है। उपभोक्ता साक्ष्य के तौर पर पिछले तीन-चार साल से जमा करा रहे बिलों की रसीदें साथ लेकर पहुंचे।
विभागीय कार्यालय में बिल जमा कराने के लिए चार काउंटर लगाए गए थे। भीड़ के चलते शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं हो रहा था। बुजुर्गो और महिलाओं के लिए अलग से काउंटर नहीं लगाए गए। बिल जमा कराने पहुंचे विजय शास्त्री, बाल किशन आदि ने कहा कि भीड़ के चलते यहां कोरोना संक्रमण फैल सकता है। वहीं, विजय नगर के सदाराम ने कहा है कि उनके घर का 360 के बजाय 1548 रुपये का बिल आया है। इन्होंने बताया है कि यदि किन्हीं कारणों से दो साल से बिल नहीं बांटे गए तो उपभोक्ताओं को जानकारी क्यों नहीं दी। यह बोले लोग
शिव नगर कालोनी में सभी घरों में 1584-1584 रुपये के बिल भेजे गए हैं। हम लगातार बिल जमा कराते रहे हैं। उपभोक्ताओं के साथ इस तरह की गड़बड़ी ठीक नहीं।
मुकेश, शिव नगर निवासी मेरे घर का इस बार बिल तीन हजार रुपये भेजा गया है। हमें तो हैरानी हो रही है कि प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी जनता के साथ हो रही लूट पर चुप हैं।
विपिन कुमार, जनता कालोनी हमारा क्या दोष है। दो साल से बिल क्यों नहीं बांटे गए। प्रशासनिक अधिकारी इसमें जांच कराएं। मेरे पास चार साल से जमा बिल रखे हुए हैं। अधिकारियों को दिखाए तो उन्होंने कह दिया कि 25 फीसद राहत के साथ बिल जमा करा सकते हैं।
सीताराम वर्मा, जनता कालोनी निवासी रिक्शा चालक ने कहा, आमदनी नहीं और अब बिल की मार
शिवाजी कालोनी निवासी रिक्शा चालक गुलशन ने बताया है कि उनका महज 60 गज का घर है। दिनभर मजदूरी करके गुजारा करते हैं। कोरोना काल में आय के साधन भी बंद हो गए। पहले छह माह में महज 360 रुपये का बिल आता था, अब 1548 रुपये बिल आया तो चिता हो गई। इनका कहना है कि 25 फीसद राहत के साथ बिल जमा कराने को कहा गया है। यह है पानी-सीवरेज के बिलों के रेट
जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ नवीन कुमार ने बताया है कि जिन घरों में मीटर लगे हुए हैं और वह कार्य कर रहे हैं, वहां प्रति छह माह बाद 360 रुपये बिल आता है। सीधे तौर से कहें तो 60 रुपये प्रति माह बिल के दाम जमा कराने होते हैं। इसमें 75 फीसद पेयजल आपूर्ति और 25 फीसद घरों से उपयोग किए हुए पानी के जमा कराने होते हैं। वहीं, जिन घरों में मीटर नहीं लगे हैं या फिर मीटर बंद पड़े हैं उन्हें प्रति छह माह में 720 रुपये का बिल जमा कराना होता है। बिलों की कोई गड़बड़ी नहीं है। अभी अक्टूबर तक बिल जमा कराने पर 25 फीसद राहत दी जा रही है।
- भानु प्रकाश, एक्सईएन, जनस्वास्थ्य विभाग सितंबर 2018 से फरवरी 2020 तक के बिल भेजे गए हैं। दो साल पहले तकनीकी खामी के चलते बिल नहीं बांटे गए थे। अब दो साल के इकट्ठे बिल पहुंचे हैं तो लोगों को परेशानी हो रही है। बिलों में कोई खामी नहीं है। यदि किसी ने बिल जमा करा दिए हैं तो साक्ष्य के तौर पर अपने साथ रसीद लेकर आएं और हमें दिखाएं।
- नवीन कुमार, एसडीओ, जनस्वास्थ्य विभाग