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10 लाख रुपयों के विवाद को लेकर शराब ठेकेदार ने कराई थी रामनिवास की हत्या

बिहार के रामनिवास हत्याकांड का पुलिस ने 11 माह बाद पर्दाफाश कर दिया है। 10 लाख रुपयों के विवाद को लेकर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के शराब ठेकेदार ने गुर्गो से हत्याकांड को अंजाम दिलाया था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 08:38 AM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 08:38 AM (IST)
10 लाख रुपयों के विवाद को लेकर शराब ठेकेदार ने कराई थी रामनिवास की हत्या
10 लाख रुपयों के विवाद को लेकर शराब ठेकेदार ने कराई थी रामनिवास की हत्या

जागरण संवाददाता, रोहतक : जनवरी में हुए बिहार के रामनिवास हत्याकांड का पुलिस ने 11 माह बाद पर्दाफाश कर दिया है। 10 लाख रुपयों के विवाद को लेकर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के शराब ठेकेदार ने अपने गुर्गो से हत्याकांड को अंजाम दिलाया था। सीआइए-2 की टीम ने एक आरोपित को गिरफ्तार किया है, जबकि कई आरोपित फरार चल रहे हैं।

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डीएसपी सज्जन सिंह ने बताया कि 24 जनवरी को खरावड़ पुल बाईपास के नजदीक एक व्यक्ति का शव पड़ा मिला था। जिसकी गोली मारकर हत्या की गई थी। बिहार के शिवहर जिले के बसंत जगजीवन गांव निवासी रामयोगावन ने मृतक की पहचान अपने भाई रामनिवास (28) के रूप में की थी। आइएमटी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जिसके बाद मामले की जांच सीआइए-1 को दी गई। जांच के दौरान सामने आया कि रामनिवास ने करीब दो साल पहले प्रेम विवाह किया था। जिसके बाद वह बिहार से आकर दिल्ली में रहने लगा था। करीब डेढ़ साल से रामनिवास दिल्ली के कोटला के फेस-2 में रह रहा था। जिसने अपनी गाड़ी ओला कंपनी में लगा रखी थी, लेकिन बाद में मुनाफा नहीं होने पर गाड़ी वापस कर दी थी। 22 जनवरी को वह बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी अभिजीत से मिलने के लिए घर से निकला था। जो वापस नहीं लौटा। इसके बाद उसका शव खरावड़ा के पास पड़ा मिला था।

शराब ठेकेदार के रुपये लेकर फरार हो गया था रामनिवास

सीआइए-2 के एसआइ भरत सिंह ने छापेमारी करते हुए बिहार के मुफ्फरपुर जिले के सहनौली गांव निवासी अभिजीत उर्फ रामविवेक को गिरफ्तार किया। जिसे ट्रांजिट रिमांड पर रोहतक लाया गया। इसके बाद आरोपित को कोर्ट में पेश कर पांच दिन के रिमांड पर लिया गया। पूछताछ में हत्याकांड का राजफाश हुआ। वर्ष 2016 में अभिजीत अपने यहां पर शराब ठेके नारायण सिंह के पास काम करने लगा था। वहां पर रामनिवास पहले से काम करता था। कुछ समय बाद रामनिवास शराब ठेकेदार नारायण सिंह के 10 लाख रुपये फरार हो गया था और दिल्ली आकर रहने लगा था। नारायण के कहने पर अभिजीत ने दिल्ली आकर रामनिवास के ठिकाने का पता किया और उसकी पूरी जानकारी नारायण सिंह को दी। 22 जनवरी को अभिजीत ने फोन कर रामनिवास को काम दिलाने के बहाने से बुला लिया। वहां से अभिजीत अपनी स्विफ्ट कार से रामनिवास को लेकर नांगलोई पुल के पास पहुंचा। जहां पर शराब ठेकेदार नारायण सिंह के भेजे गए तीन आरोपित ओमप्रकाश, मोनू और रोहित कार में सवार हो लिए। जो रामनिवास को काम दिलाने के बहाने से भिवानी ले गए। वहां पर रामनिवास को शराब पिला दी और वापस आते समय खरावड़ के पास कार से उताकर रामनिवास को गोली मार दी। जिसके बाद उसके शव को फेंककर वहां से फरार हो गए। बाकी आरोपितों को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है।


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