मंत्री विज के बजाय राकेश गुप्ता करेंगे परिवेदना समिति की बैठक, फिर से ओमैक्स मामले में होगी सुनवाई
जागरण संवाददाता रोहतक शहरी स्थानीय निकाय मंत्री एवं गृह मंत्री अनिल विज बगैर कष्ट निवार
जागरण संवाददाता, रोहतक : शहरी स्थानीय निकाय मंत्री एवं गृह मंत्री अनिल विज बगैर कष्ट निवारण समिति की बैठक होगी। मंत्री विज के बजाय मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी परियोजना निदेशक डा. राकेश गुप्ता कष्ट निवारण समिति की बैठक करेंगे। कोरोना काल में अधिकारियों की तरफ से कराए गए विकास कार्यों की समीक्षा भी होगी। बताते हैं कि एक बार फिर से ओमैक्स सिटी का मामला बैठक के दौरान सुना जाएगा। इस प्रकरण में ओमैक्स प्रबंधन के खिलाफ पुलिस केस दर्ज हो चुका है।
कष्ट निवारण समिति की बैठक में मंत्री विज के तेवर चर्चा में रहते थे। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते कष्ट निवारण समिति की बैठक भी एक-दो बार आयोजित हुई। इसमें मंत्री विज के बजाय उपायुक्त ने ही बैठक का नेतृत्व किया। उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने आगामी 17 फरवरी को मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी परियोजना निदेशक डा. राकेश गुप्ता की अध्यक्षता में केंद्र व प्रदेश सरकार की मुख्य परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक तथा जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि डा. राकेश गुप्ता 17 फरवरी को सुबह 9.30 बजे विकास भवन स्थित डीआरडीए के कान्फ्रेंस हाल में केंद्रीय एवं राज्य सरकार की प्रमुख परियोजनाओं के क्रियान्वन की समीक्षा करेंगे। इसके बाद दोपहर 12 बजे बजे से डा. राकेश गुप्ता जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक के एजेंडे में शामिल शिकायतों की सुनवाई करेंगे। संबंधित अधिकारियों को मौके पर इन शिकायतों के निपटारे से संबंधित आवश्यक दिशानिर्देश देंगे। सभी संबंधित अधिकारी बैठक में उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। नगर निगम ने शुरू की तैयारियां
डा. राकेश गुप्ता केंद्रीय व राज्य सरकार की योजनाओं की भी समीक्षा करेंगे। नगर निगम के अधिकारियों ने केंद्रीय व राज्य सरकार की योजनाओं के मौजूदा स्टेट्स को लेकर ब्योरा तैयार करने की शुरूआत कर दी है। बताते हैं कि अमृत योजना से लेकर दूसरी तमाम योजनाओं को लेकर समीक्षा के लिए तैयारी की हैं। कोरोना ने दी अधिकारियों को बड़ी राहत
बीते साल मार्च से रोहतक व हरियाणा में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े। तभी से कष्ट निवारण समिति की बैठक में शिरकत करने के लिए शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज नहीं आए। मंत्री विज के रोहतक आने से पहले ही अधिकारी व कर्मचारी टेंशन में आ जाते थे। खास बात यह थी कि समस्याओं का निस्तारण कराने के लिए अधिकारी तक मौके पर जाते थे। जिससे गलती की कोई गुंजाइश न रहे। विज जब-जब रोहतक आए तब-तब सख्त कार्रवाई हुई। अफसरों में डर रहता था।