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अमृत स्टोर से खरीदा इंजेक्शन तो पीजीआइ डाक्टर ने लगाने से किया इनकार

जागरण संवाददाता रोहतक पीजीआइ के चिकित्सकों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। आथो

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 07:44 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 07:44 PM (IST)
अमृत स्टोर से खरीदा इंजेक्शन तो पीजीआइ डाक्टर ने लगाने से किया इनकार
अमृत स्टोर से खरीदा इंजेक्शन तो पीजीआइ डाक्टर ने लगाने से किया इनकार

जागरण संवाददाता, रोहतक : पीजीआइ के चिकित्सकों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। आर्थो विभाग का वीडियो वायरल होने के बाद अब एक मरीज के तीमारदारों ने चिकित्सक पर निजी मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन मंगाने का आरोप लगाया है। पीड़ितों का आरोप है कि मरीज के लिए इंजेक्शन लिखने के बाद अमृत स्टोर से इंजेक्शन खरीदकर चिकित्सक को दिया गया, लेकिन आरोपित चिकित्सक ने इंजेक्शन लगाने से इनकार कर दिया और निजी मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन खरीदने का दवाब बनाया। आरोप है कि जब इसका विरोध किया तो चिकित्सक ने उपचार करने से इनकार कर दिया।

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सांपला निवासी ओमप्रकाश पुत्र मुख्तियार सिंह को सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद तीन दिन पूर्व पीजीआइ में भर्ती कराया गया था। घायल ओमप्रकाश के भाई और बीजेपी के सांपला ब्लॉक सचिव कृष्ण ने बताया कि मंगलवार को चिकित्सक ने इंजेक्शन लाने के लिए कहा था। जिसके बाद चिकित्सक की ओर से लिखे इंजेक्शन के आधार पर कृष्ण पीजीआइ में स्थित अमृत स्टोर से इंटापाइम टी जेड इंजेक्शन लेकर चिकित्सक के पास पहुंच गया। आरोप है कि चिकित्सक ने इंजेक्शन देखते ही लगाने से इनकार कर दिया। जब चिकित्सक से इंजेक्शन न लगाने का कारण पूछा तो चिकित्सक ने कहा कि जिस मेडिकल स्टोर से कहा है उस मेडिकल स्टोर से निजी कंपनी का गोपाइम टी जेड नामक इंजेक्शन लेकर आओ। एक ही सॉल्ट होने के बाद भी अमृत स्टोर से इंजेक्शन की कीमत 164 रुपये और निजी स्टोर से 600 रुपये है। इसके बाद ट्रामा सीएमओ से शिकायत की गई तो उन्होंने अमृत स्टोर से खरीदे गए इंजेक्शन को सही ठहराया। जबकि इमरजेंसी सीएमओ ने भी चिकित्सक का समर्थन करते हुए निजी स्टोर से इंजेक्शन खरीदने की बात कही। विरोध करने पर मरीज का नहीं किया इलाज

कृष्ण ने आरोप लगाया कि जब निजी कंपनी के इंजेक्शन खरीदने का विरोध किया गया तो चिकित्सक ने इलाज करने से इनकार कर दिया। इस दौरान चिकित्सक ने ओमप्रकाश की छुट्टी का पर्चा बनाते हुए परिजनों को थमा दिया। जबकि परिजनों का कहना है कि अभी ओमप्रकाश की स्थिति पूरी तरह से ठीक नहीं है।

मैं आज चंडीगढ़ में हूं, जिसके चलते मामले की जानकारी नहीं है। इस संबंध में जानकारी की जाएगी कि मरीज को उपचार के लिए क्यों मना किया गया। कोई भी चिकित्सक निजी मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। आरोप सही पाए जाने पर चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डा. रोहताश यादव, निदेशक पीजीआइएमएस


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