कैंसर के मरीजों की फाइल जलाने के मामले में पीजीआइ अधिकारियों में हड़कंप
जागरण संवाददाता रोहतक कैंसर मरीजों की फाइल जलाने का आरोप लगते ही पीजीआइ अधिकारियो
जागरण संवाददाता, रोहतक : कैंसर मरीजों की फाइल जलाने का आरोप लगते ही पीजीआइ अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। शनिवार को दफ्तर में भी अधिकारियों ने मीडिया से दूरी बनाए रखी। वहीं, पीजीआइ के क्षेत्रीय कैंसर वार्ड में तैनात चिकित्सक और अन्य स्टाफ पूरे मामले को लेकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। बताया जा रहा है कि यदि गहनता से जांच की जाती है तो पीजीआइ के कई कर्मचारियों पर गाज गिरनी तय है।
सोनीपत में एसटीएफ की ओर से तीन लोगों को गिरफ्तार कर कैंसर पीड़ित मरीजों की सड़क दुर्घटना में मौत दिखाकर बीमा क्लेम लेने का खुलासा किया था। आरोपितों ने पूछताछ में कबूल किया था कि वह पीजीआइ के कैंसर वार्ड में स्टाफ से मिलकर कैंसर पीड़ित मरीजों की फाइलों को जला देते थे। आरोपितों के खुलासे के बाद शनिवार को पूरा मामला अखबारों में छपा तो पीजीआइ अधिकारियों में हड़कंप मच गया। शनिवार को पीजीआइ के अधिकारियों में पूरे दिन उक्त खुलासा चर्चा का विषय बना रहा। पीजीआइ के क्षेत्रीय कैंसर वार्ड के अध्यक्ष डा. अशोक चौहान से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने प्रकरण में कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि प्रकरण के खुलासे के बाद अब एसआइटी कभी भी पीजीआइ में जांच करने के लिए पहुंच सकती है। वार्ड के कर्मचारियों के साथ कई बड़े चिकित्सकों के नाम भी शामिल हो सकते हैं। ऐसे में प्रकरण कई बड़े अधिकारियों के गले की फांस बन सकता है। पीजीआइ के एमएस डा. एमजी वशिष्ठ ने बताया कि अखबारों के माध्यम से मामले की जानकारी मिली है। जल्द ही प्रकरण में जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।